चैलचौक में अतिक्रमणकारियों ने फिर कब्जाई सरकारी भूमि

संजीव कुमार। गोहर

चैलचौक बाजार व आसपास के अन्य कस्बों में सरकारी भूमि पर अवैध कब्जों का जीन एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है। मशहूर आरटीआई एक्टिविस्ट कैप्टन शेर सिंह ने आरोप लगाया है कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार हुई कार्रवाई के बावजूद चैलचौक व आसपास से हटाए गए अवैध कब्जे वर्तमान में 2013 से पहले की स्थिति में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि विभाग ने जो कब्जे हटाए थे, कब्जाधारियों ने कुछ अरसा बाद सरकारी भूमि पर कब्जा कर लिया है। कैप्टन शेर सिंह का आरोप है कि यह सब विभागीय संरक्षण से कब्जाधारकों के हौंसले बढ़ते जा रहे हैं।

शेरसिंह ठाकुर ने आरोप लगाया है कि सरकारी भूमि पर अवैध तरीके से कब्जा करने वाले लोगों को लोनिवि नजरअंदाज कर स्वंय सरकारी सम्पति को नुकसान पहुंचा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बारे वह अधीक्षण अभियंता मंडी के.के. कौशल से भी मिले हैं। उन्हें अवगत करवाया गया कि उपरोक्त स्थानों पर कब्जों को हटाने के लिए हाई कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई हुई थी। विभाग ने अदालत में एफिडेविट दिया है कि चैलचौक व आसपास के स्थानों से कब्जाधारियों से कब्जे छुड़ा लिए गए हैं। विभाग की ओर से उस वक्त पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए। पेंट से निशान लगाए गए जबकि पक्की बुर्जियां न लगने से धरातल पर मौजूदा समय में निशानों को मिटाने के बाद अवैध कब्जे यथास्थिति पर काबिज हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इलाके में कुछ कब्जाधारक प्रभावशाली और ऊंची पहुंच वाले लोग हैं।

वहीं, कई कब्जाधारक पीडब्ल्यूडी में अपने रिश्तेदार के रौब से कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं। जिसकी आड़ में विभाग कब्जाधारियों के प्रति नरम रवैया अपनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि चैलचौक मामले में हाई कोर्ट ने 115 अवैध कब्जाधारियों के कब्जे छुड़ाने के आदेश दिए हैं। जबकि 45 लाख रुपए से अधिक की राशि कब्जाधारकों से बसूल किए गए थे। उन्होंने प्रशासन को चेताया कि अगर कार्रवाई न हुई तो हाईकोर्ट के आदेशों की अवमानना का केस करेंगे। वहीं जिला अधिकारी के सख्त आदेशों के बाद लोनिवि मंडल गोहर भी हरकत में आ गया है। विभाग की ओर से अपनी भूमि को पूरा करने के लिए राजस्व विभाग से निशानदेही लेने की कवायद शुरू कर दी है।

आरटीआई से स्पष्ट होगी स्थिति:

इस संदर्भ में विभाग को आईटीआई एक्टिविस्ट कैप्टन शेरसिंह ठाकुर द्वारा मांगी गई आरटीआई की सूचना की जानकारी भी देनी है। विभाग उससे पहले धरातल की स्थिति जानना चाहता है। कुल मिलाकर करीब दस वर्ष के बाद 2022 में एक बार फिर से चैलचौक के अवैध कब्जे सुर्खियां हासिल कर सकते हैं। लोनिवि मंडल गोहर के अधिशाषी अभियंता रमेश सिंह खालसा ने कहा कि चैलचौक में अवैध कब्जों और सरकारी भूमि से सबंधित मांगी गई जानकारी के संदर्भ में राजस्व विभाग को निशानदेही के लिए आवेदन भेजा गया है। उसके बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा सकती है।

“चैलचौक अवैध कब्जों के मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट शेरसिंह ठाकुर उनसे मिले हैं और उन्होंने विषय पर माननीय हाई कोर्ट के आदेशों का जिक्र भी किया है। अधिशाषी अभियंता मंडल गोहर को आदेश जारी कर दिए हैं कि अदालत से हुए आदेशानुसार जल्द से जल्द कार्यवाही अमल में लाई जाए तथा निशादेही के दौरान अवैध कब्जों को तोड़कर पक्की बुर्जियां लगाई जाए। ताकि आइंदा इस प्रकार की त्रुटि न रहे।