भाजपा में गुटबाजी जारी, संगठन की बैठक से पहले कृपाल परमार ने पद से दिया इस्तीफा

विनय महाजन। नूरपुर

हिमाचल प्रदेश में उपचुनावों के बाद भाजपा के अंदर गुटबाजी व अन्तकलह रुकने का नाम नहीं ले पा रही हैं। भाजपा का एक वर्ग ऐसा लगता हैं कि सरकार की कारगुजारी से खुश नहीं हैं। अभी हाल में हिमाचल में हुए उपचुनाव परिणाम के बाद सरकार और संगठन के बीच एक बार फिर मतभेद सामने आऐ है। जिसका उदाहरण अभी हाल में भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ता व राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता क्रपाल परमार का आज प्रदेश भाजपा संगठन के उपाध्यक्ष क्रपाल परमार का अपने पद से इस्तीफा दिया जाना। ऐसे समय में जब उपचुनाव में हुई शर्मनाक हार को लेकर शिमला में होने वाली इस विषय में वैठक को लेकर संगठन से जुड़े भाजपा उपाध्यक्ष परमार का ऐसे समय में इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को भेजना भाजपा के अन्दर संगठन और सरकार के बीच आर पार की लड़ाई को स्पष्ट कर रहा है। जिला कांगडा में भाजपा की आन्तरिक कलह इतनी अधिक है कि धरातल से जुड़े भाजपाई अब भाजपा छोड़ने के मूड में तैयार है ऐसे कार्यकर्ताओं का कहना है।

कि सरकार में मान सम्मान न मिलने के कारण व पार्टी में रहकर कार्यकर्ताओं की सुनवाई न होना भाजपा की उपचुनावों में हार का कारण है। ओवरकोनफीडैस हार का मुद्दा नहीं कुछ जनहित से जुड़े दफ्तरों में भाजपा कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं होगी लेकिन दलालों के माध्यम से भाजपा सरकार मे जनता के काम शीघ्र हो रहे है इन दलालों की कोई पार्टी नहीं फिर भी हिमाचल में किसी भी पार्टी की सरकार हो ये दलाल वरकरार रहते हैं। जवकि चुनावों में किसी भी पार्टी के साथ ये जुड़ते नहीं लेकिन ऐसे दलाल सत्ताधारी नेताओं के लोगों से सम्बद्ध जोड लेते है। इस बिषय में क्रपाल परमार भाजपा नेता का कहना है कि उनका इस्तीफा दिऐ जाने का कारण पार्टी में मान सम्मान का न होना मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार में संगठन से जुड़े पदाधिकारियों की समस्याओं का समाधान न होना तथा फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र में चार साल लोगों की सेवा करना ऐसे अनेक कारण है।

ये निर्णय मैंने फतेहपुर की जनता के आह्वान पर लेकर संगठन पद से इस्तीफा दिया है जिसका टिकट से कोई सम्बन्ध नहीं है पार्टी में रहकर सारा जीवन लगा दिया कांग्रेस के खिलाफ अब जब भाजपा की सरकार हिमाचल में आई तब मान सम्मान व शोषणवाजी का दौऐ आरम्भ हो गया इस कारण उन्होंने इस्तीफा दिया कागडा जिला मे अव यह दौर आरम्भ हो गया है उन्होंने जयराम सरकार के एक मन्त्री पर भी कटाक्ष किया उल्लेखनीय है कि पार्टी के भीष्म पितामह शान्ता कुमार ने भी शिमला में होने वाली वैठक में आने से इन्कार कर दिया जो पार्टी में आज भी गुटबाजी को दर्शाता हैं।

भाजपा का एक वर्ग आज भी रिपिट मिशन के लिए हाईकमान से आशा लगाए हुए हैं कि संगठन व सरकार में नेत्रव परिवर्तन होना चाहिए ऐसा नेत्रव चाहिए जो संगठन व सरकार को एकजुट कर सके उधर काग्रेस पार्टी के कुछ नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ही रहने चाहिए अच्छा काम कर रहे हैं जनता ने सेमी फाइनल का परिणाम दे दिया अब फाइनल के परिणाम की वारी हैं हिमाचल की जनता इन्हें कर्ज वाला मुख्य मन्त्री के नाम से जानती है प्रदेश में। ऐसी चर्चाएं जारी है जनतंत्र की जुबान पर।