गुंडा टैक्स से किसान परेशान

मनीष ठाकुर। कुल्लू

कर्फ्यू में ढील मिलते ही जहां अब जिला कुल्लू के किसानों ने अपने कृषि उत्पादों को बाहरी राज्यों की मंडी में भेजना शुरू कर दिया है। वहीं, अब किसान जीप यूनियन के द्वारा लिए जा रहे गुंडा टैक्स से भी परेशान है। मणिकरण घाटी के किसानों व जीप चालकों ने इस टैक्स से परेशान होकर देर रात एसपी ऑफिस के बाहर भी धरना दिया। जिला कुल्लू की मणिकरण घाटी के शाट में सब्जी मंडी व एक जीप यूनियन पंजीकृत है।

सोमवार को शाम के समय जब कुछ गाड़ियां सब्जी मंडी से भरकर बाहरी राज्यों की ओर भेजी जाने लगी, तो भुंतर के समीप कुछ लोगों ने उन जीपों को रोक दिया और उनसे टैक्स की मांग की। जब जीप चालकों ने बताया कि उन्होंने सब्जी मंडी में पर्ची कटवा ही है और उस पर्ची के सहारे वे अपना माल बाहरी राज्यों की ओर ले जा रहे हैं, तो जीप चालको को आगे जाने से रोका गया, तो वहीं मौके पर गाड़ी रोकने वाले कुछ लोगों ने उनके साथ हाथापाई भी की, जिसके चलते उन्हें अपनी व्यथा आढ़ती यूनियन को बताई।

इसके चलते यूनियन के पदाधिकारी तुरंत पहुंचे और ऐसे शरारती तत्वों पर कानूनी कार्रवाई करने की भी मांग रखी, लेकिन देर शाम तक कोई नतीजा नहीं निकला तो मजबूरन उन्हें सब्जियों से भरी जीप के साथ एसपी के कार्यालय के बाहर धरना देना पड़ा। आढ़ती संघ के प्रधान अश्वनी कुमार ने बताया कि जब जीप यूनियन पंजीकृत है, तो फिर आगे किस तरह का टैक्स देना है, जो कि बिल्कुल गलत है। उनका कहना है कि किसान को जो भी गाड़ी सस्ती रेट पर मिलती है, उसमें वह अपने कृषि उत्पाद किसी भी सब्जी मंडी में भेज सकता है।

इसके लिए आढ़ती संघ ने भी कोई रोक नहीं लगाई है, लेकिन भुंतर के पास उनके कुछ कारणों के द्वारा गाड़ियों को रोका जा रहा है और चालकों को तंग किया जा रहा है, जो बिल्कुल गलत है ऐसे में इन लोगों पर कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जानी चाहिए। वहीं, जीप यूनियन के अध्यक्ष लूदर चंद का कहना है कि शाट में भी जीप यूनियन को चालू किया गया है, लेकिन भुंतर जीप यूनियन के पदाधिकारी उसे नही मानते हैं और गुंडा टेक्स की मांग करते हैं, जो पूरी तरह से गलत है, जिसके चलते जीप और आढ़ती संघ के पदाधिकारियों ने प्रशासन से मांग रखी है कि ऐसे शरारती तत्वों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाए और जो माल खराब हुआ है। उसका हर्जाना भी दिया जाए। वरना मंगलवार को सारा दिन शाट सब्जी मंडी को बंद रखा जाएगा।