उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड की लचर कार्यप्रणाली व अव्यवस्था के चलते प्रदेश के उपभोक्ता आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं। उनके द्वारा इस्तेमाल की जा रही बिजली की खपत को आंकने के लिए मीटर रीडिंग को दो तीन महीने बाद अमल में लाया जा रहा है, जिसकी बदौलत उनको बिजली के भारी भरकम बिल थमा दिए जाते हैं। यह शब्द आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता कल्याण भंडारी ने जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहे। उन्होंने बताया कि किसी भी प्रकार की सेवा के लिए बिल जारी करने का एक मास की अवधि का चक्र होता है।
राज्य विद्युत बोर्ड की निर्धारित दरें अलग अलग यूनिट स्लैब के लिए अलग अलग हैं। मसलन एक किलोवॉट कनेक्शन वाले लाइफ लाइन उपभोक्ता के अलावा अन्य उपभोक्ताओं के लिए 0-125 यूनिट तक 1.55 रुपए, 126-300 यूनिट तक 2.95 रुपए तथा 301 से उपर 4.40 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल काटे जाते हैं, परंतु जब मीटर रीडिंग की अवधि को जानबूझ कर बढ़ा दिया जाए, तो निश्चित तौर पर बिजली की खपत ज्यादा होगी। फलस्वरूप भारी भरकम बिल की अदायगी करनी पड़ती है।
कल्याण भंडारी ने आगे कहा कि बिजली बोर्ड फिक्स्ड चार्जेज, इलेक्ट्रिसिटी ड्यूटी व मीटर रेंट जैसे अनावश्यक खर्च जोड़ कर उपभोक्ता का आर्थिक रूप से शोषण कर रहा है। कई वर्षों से चली आ रही मीटर रेंट के नाम पर धन की उगाही को आम आदमी पार्टी बन्द करवाने व हर महीने एक निश्चित कार्य दिवस पर मीटर रीडिंग लेने के लिए लोगों को जागरूक कर आंदोलन खड़ा करेगी। भंडारी ने कहा कि दिल्ली सरकार अपने राज्य में बिजली खरीद कर हर महीने 200 यूनिट फ्री मुहैया करा रही है, जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार अपनी बिजली का उत्पादन कर महंगी बिजली प्रदान कर लोगों का शोषण करने पर आमादा है।