राज्य स्तर पर मनाया जाना चाहिए वसंत पंचमी का महोत्सव : चन्द्र भूषण मिश्रा

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

गत पांच छह दशकों से ऐतिहासिक नगरी पुराना कांगड़ा में बड़े पैमाने पर आयोजित वसंत पंचमी का महोत्सव पिछले आठ दस वर्षों से सिमट कर रह गया है और यह अब आगामी 16 फरवरी मंगलवार को राज्य स्तर पर मनाया जाना चाहिए। यह बात केसरिया हिन्दू वाहिनी परिवार की मुख्य प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष इंजीनियर चन्द्र भूषण मिश्रा और शिकायत निवारण कमेटी के सदस्य एवं भाजपा शहरी महासचिव सतीश चौधरी ने प्रेस भेंट वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि वसंत पंचमी का यह महोत्सव धर्मवीर हकीकत राय पाठशाला में पढ़ने वाले एक 14 वर्षिय एक सिंधी बालक जो अपने सनातन धर्म और हिन्दू संस्कृति के लिए धर्म न बदलने के लिए कुर्बान हो गया था।

उसने शरीर छोड़ दिया, लेकिन सनातन धर्म नहीं छोड़ा की याद में मनाया जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह महोत्सव पुरातत्व विभाग के प्रांगण में मनाया जाता रहा है और उसके बाद दूसरा विकल्प पुराना कांगड़ा वार्ड-3 क्रिकेट ग्राउंड एवं बास्केटबॉल कोर्ट है, जहां नाटक के मंचन, कुश्ती, योग साधकों के विभिन्न करतब, संध्या समय में कवि सम्मेलन, दर्शकों के बैठने, पतंगबाजी और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रतिस्पर्धा के लिए उपयुक्त स्थान है। मां भगवती के तेजपुंज से वीणावादिनी विद्या को देने वाली मां शारदे सरस्वती का भी आज के दिन जन्म हुआ था।

इस उपलक्ष्य में सरस्वती पूजा का भी विशेष दिवस है और ऐसी शुभ घड़ी में राजा इंद्र, परियों, कामदेव, मां सरस्वती और धर्मवीर हकीकत राय की झांकियां भी निकाली जाती हैं। पूरा शासन-प्रशासन, विभागीय अधिकारी कर्मचारी, अध्यापक गण, पाठशालाओं में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं पीली पगड़ियाें और वस्त्रों से सुसज्जित ढोल नगाड़ों के साथ नाचते गाते, तोरण द्वारों को लांघते हुए सांस्कृतिक कार्यक्रमों के मंच तक आते हैं।

एक समय था, जब हिमाचल निर्माता डॉ. यशवन्त सिंह परमार और डांग भी इस महोत्सव का एक हिस्सा बनते थे और तो और पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार उनकी अर्धांगिनी स्व. संताेष शैलजा, पूर्व कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री स्व. चौधरी विद्यासागर के समय तक पुरातत्व विभाग के प्रांगण में रक्त दान शिविर आदि लगाकर भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता रहा है। प्रदेश स्तर पर डॉ. गौतम शर्मा व्यथित, पीयूष गुलेरी, प्रत्यूष गुलेरी, रमेश चंद्र मस्ताना, सतपाल घृतवंशी और डॉ. केसी शर्मा जैसे बड़े-बड़े साहित्यकार और कवि यहां आकर अपनी कविता पाठों से “खड़ी धौलाधार लग्गे, जियां बांकी नार है.. बर्फा दे गैहणे पाई, सूरजे दी विंदी लाई, सारेयां दे मने च भाई.. भागसू दा प्यार है”.. गा गाकर उपस्थित दर्शकों का मनोरंजन करते थे।

पब्लिक रिलेशन विभाग से विमला राणा, कमल हमीरपुरी, झांजो और राणा जैसे कलाकार नाटकों और लोक गायकी से खूब मनोरंजन करते थे। उन्होंने कहा कि वालीवुड की तर्ज पर नाइट शो और ऊटपटांग अभद्र गानों की वजह से युवा पीढ़ी अपनी लोक संस्कृति और लोक गायकी को भूलती जा रही है। इस तरह के कार्यक्रम पर सरकार समय रहते अंकुश लगाए। जिला भाषा अधिकारी राणा से भी आग्रह किया गया है कि कांगड़ा जनपद के वाद्ययंत्र जैसे ढोल नगाड़े, नरसिंहा, शहनाई, बांसुरी वादन को भी इस कार्यक्रम में तरजीह दें। उन्होंने कहा कि “वलिदानियों की चिताओं पर लगेंगे हर वर्ष मेले, धर्म पर मर मिटने वालों का, यही बाकीं निशां होगा”।

उन्होंने कहा कि हमें धर्मवीर हकीकत राय के वलिदान से यही शिक्षा मिलती है कि जो इन्सान अपने सिद्धांत, अपने धर्म और राष्ट्र पर दृढ़ संकल्पित है, वो जीते जी और मरने के बाद भी सम्मानीय व्यक्तित्व और प्रेरणास्रोत बन जाता है। इसलिए यह छोटा सा बालक धर्मवीर हकीकत राय, हम सभी जनमानस के लिए एक सीख दे गया है कि सबसे पहले सनातन धर्म, फिर राष्ट्र और उसके बाद राजनीति।

उपरोक्त पदाधिकारियों ने नगर परिषद कांगड़ा के चुने गए पार्षदों, पूर्व अध्यक्षों, वर्तमान अध्यक्ष, शासन-प्रशासन, बास्केटबॉल संघ के प्रदेशाध्यक्ष मुनीष शर्मा, वर्तमान सरकार विशेषकर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से करबद्ध आग्रह किया है कि ऐतिहासिक नगरी पुराना कांगड़ा में पिछले पांच छह दशकों से चले आ रहे वसंत पंचमी के महोत्सव को वार्ड-3 के क्रिकेट ग्राउंड में बड़े हर्षोल्लास और राज्य स्तर पर मनाया जाए।