गोबिंदसागर झील अब मछुआरों के लिए नहीं उगल रही सोना

सुरेन्द्र जम्वाल। बिलासपुर

बिलासपुर जिला में भाखड़ा बांध बनने के बाद अस्तित्व में आई मानवनिर्मित गोबिंदसागर झील अब मछुआरों के लिए सोना नहीं उगल रही है। अधिकारियों की मानें तो गोबिंदसागर झील में पिछले साल के मुकाबले में चार मीट्रिक टन का उत्पादन कम हुआ है। हालांकि प्रदेश के अन्य डैमों में मछली का उत्पादन बढ़ा है, लेकिन गोबिंदसागर झील में हर वर्ष उत्पादन कम होने से मछुआरों के माथे पर चिंता की लकीरें उकेर रहा है।

अधिकारियों की मानें तो उत्पादन के कम होने का मुख्य कारण पानी का बहाव तेज होना और समय समय पर पानी न छोड़ना भी है। ऐसे में यह चिंता का विषय है कि अगर इसी तरह उत्पादन कम होता रहा तो आने वाले समय में मछुआरों का रोजगार छिन जाएगा। हालांकि अधिकारी इस उत्पादन को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश कर रहे हैं और मछली का बीज डाल रहे हैं, लेकिन इसमें प्राकृतिक प्रजनन कम हो रहा है।

इसमें मुख्य कारण यह है कि बीबीएमबी की ओर से जब मन करता है वह पानी छोड़ देते हैं जिसके कारण पानी का भराव कम होता जा रहा है। ऐसे में पिछले वर्ष के मुकाबले मछली का उत्पादन कम हुआ है।

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