इन राज्यों में कांग्रेस के लिए चुनावों में सीएम का चेहरा तय करना बना सिरदर्द

उज्जवल हिमाचल डेस्क…

अगले साल कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने जा रहे है। इन राज्यों में ज्यादातर कांग्रेस का वर्चस्व रहा है। इन राज्यों में क्षेत्रीय चेहरों को आगे कर सत्ता में वापसी का सपना देख रही कांग्रेस के लिए उसकी कवायद सिरदर्द बन गई है। पार्टी उत्तराखंड में हरीश रावत और पंजाब में बड़ी मशक्कत के बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को पार्टी का चुनावी चेहरा बनाने में तो किसी तरह कामयाब हो गई मगर अन्य राज्यों में उसके लिए डगर आसान नहीं है।

गुटबाजी और अंदरूनी खींचतान के चलते हिमाचल प्रदेश, गोवा और मणिपुर जैसे राज्यों में पार्टी के लिए मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करना चुनौती बना हुआ है, जबकि इन राज्यों के चुनाव कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति के लिए बेहद अहम है क्योंकि इन राज्यों में उसकी सीधी टक्कर भाजपा से है। यह मामला कांग्रेस के लिए दोहरी चुनौती इसलिए भी है कि इन तीनों राज्यों में भाजपा अपने मौजूदा मुख्यमंत्रियों के चेहरे के साथ मैदान में होगी।

राज्यों के चुनाव में चेहरा नहीं होने का खामियाजा कांग्रेस हाल ही में हुए केरल और असम के चुनाव में भुगत चुकी है। इन दो राज्यों में विफलता के कारण कांग्रेस इस मुद्दे पर बहुत फूंक-फूंक कर कदम रख रही है। सूबे के दिग्गजों के बीच मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का झगड़ा न बढ़े इस वजह से कांग्रेस ने सामूहिक नेतृत्व के साथ चुनावी मैदान में उतरने का दांव चला जिसका उसे नुकसान हुआ। ऐसे में हिमाचल प्रदेश, मणिपुर और गोवा में चेहरा सामने लाने की