फोरलेन प्रभावितों ने लगाए भू अधिग्रहण कानून 2013 की अवहेलना के आरोप

विनय महाजन। नूरपुर

राष्ट्रीय उच्च मार्ग प्राधिकरण ब प्रशासन द्वारा फोरलेन प्रभावितों के साथ धोखा करार दिए जाने के बाद पीडितों की एक वैठक जसूर मे संपन्न हुई। पीडि़तों का कहना है कि भू अधिग्रहण अधिकारी 2013 के मुताबिक मुआवजा राशि का मूल्यांकन का निर्धारण करना जनहित में है। मौजूदा स्थिति को देखते हुए भू अधिग्रहण कानून 2013 की सरासर अवहेलना की गई है । उन्होंने कहा कि अब दूसरा धोखा डिविजनल कमिश्नर कांगड़ा स्थित धर्मशाला को आर्विट्रेटर नियुक्ति करना 3781 परिवारों के साथ धोखा है जिसको हम विलकुल मंजूर नही करेंगे। हमारी सरकार के साथ जबरदस्त लड़ाई होगी हम अपना हक लेके रहेंगे। आर्विट्रेटर की नियुक्ति किसी सेवानिवृत न्यायधीश की मध्यस्थता द्वारा की जाए जिस वजह से 11000 केसों का अतिशीघ्र निपटारा हो सके।

इस मौके पर अध्यक्ष दरबारी सिंह,महासचिव विजय सिंह हीर,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुदर्शन शर्मा,भारत भूषण बख्शी, प्रेस सचिव बलदेव पठानिया,युगल किशोर, मुना पठनिया, राम चांद शास्त्री, डॉक्टर अशोक शर्मा,सुखदेव गुलेरिया, मुख्य सलाहकार राकेश भारती मौजूद रहे। वहीं पिछले दिन पीडि़तों के एक समूह ने नूरपुर वन विभाग के विश्राम घर मे वन मंत्री राकेश पठानिया के साथ बैठक की थी।