ज्वाली के मिनी सचिवालय में फर्जीवाड़ा चर्म सीमा पर, पूछने वाला कोई नहीं

चैन सिंह गुलेरिया। जवाली

हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर कांग्रेस को जड़ से उखाड़ने में प्रदेश में काबिज हुई थी। लेकिन सरकार का यह मुद्दा भी धराशाही होता हुआ नजर आने लगा। जिसका उदाहरण ज्वाली के मिनी सचिवालय में रोजाना देखने को मिलता है। मिनी सचिवालय में बैठे एसडीएम ज्वाली के नाक तले यह धंधा काफी पनप रहा है । जोकि अति चिंता जनक विषय है। ऐसा भी माना जा रहा है कि एसडीएम ज्वाली को इस धंधे की भनक न लगी हो या फिर किसी राजनीतिक दवाब के चलते अपनी आंखे मूंद रखी हो।

बता दे कि ज्वाली के मिनी सचिवालय में रोजाना लोग अपने रोजमर्रा कामों को करवाने के लिए आते है और ठगी का शिकार होते है। मिनी सचिवालय के परिसर में बैठे नोटरी पब्लिक के धारक लोगों से ऊंचे दाम बसूल कर रहे है और बदले में जाली दस्तावेज अटेस्टेड करके लोगों को थमाए जा रहे है। शपथ प्रमाण पत्रों पर केवल दो-दो रूपये की टिकट लगाकर अटेस्टेड किए जा रहे है, जबकि शपथ प्रमाण पत्र पर कम से कम दस रुपए की टिकट लगनी जरूरी होती है। गुप्त सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यह नोटरी पब्लिक धारक फर्जी शपथ प्रमाण पत्र को अपने रिकॉर्ड रजिस्टर में भी दर्ज नहीं करते। और कई नोटरी पब्लिक धारकों के मुंशी ही हरे पेन से इन दस्तावेजों को अटेस्टेड कर रहे है और यह धंधा काफी दिनों से चला हुआ है लेकिन शासन और प्रशासन अपनी आंखें मूंद कर बैठा हुआ है।

ज्वाली के मिनी सचिवालय में कानून नाम की कोई भी चीज नही है। क्योंकि इस मिनी सचिवालय में काफी लोग बिना लाइसेंस के बैठे है जो कोर्ट के कार्यों को कर रहे है और लाइसेंस धारक इन कार्यों से वंचित रह रहे है । इससे सरकार को होने वाली आय का काफी नुकसान हो रहा है। डीसी कांगड़ा डाक्टर निपुण जिंदल व सरकार से मांग है कि अवैध तरीके से चल रही दुकानों पर कानूनी करवाई की जाए । या फिर इन लोगों से सरकारी फीस वसूली जाए । ताकि सरकार को रेवन्यू मिल सके ।

जब बारे एसडीएम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह से जानकारी प्राप्त करनी चाही तो उन्होंने बताया कि मुझे आपके माध्यम से पता चला है और अगर ऐसा धंधा चला होगा तो कानूनी करवाई अवश्य की जाएगी ।