अंडरग्राउंड डस्टबिनाें के बाहर फैंक जा रहा कूड़ा

उमेश भारद्वाज। सुंदरनगर

बेशक नगर परिषद सुंदरनगर द्वारा शहर के लोगों के लिए कूड़ा निष्पादन के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर अंडरग्राउंड डस्टबिन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। लोगों द्वारा इन अंडरग्राउंड डस्टबिन के बाहर कूड़ा फैंक कर सुंदरनगर की सुंदरता पर ग्रहण लगाया जा रहा है। वहीं स्थानीय लोगों की माने तो नगर परिषद द्वारा इन अंडरग्राउंड डस्टबिन को समय पर खाली नहीं कर पाने के कारण इनके बाहर कूड़ा फैंकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। ऐसा ही नजारा नगर परिषद सुंदरनगर की अध्यक्ष के गृह वार्ड में कई स्थानों पर गंदगी के ढेर लगे हुए देखे गए।

हैरानी यह है कि प्रतिदिन विभिन्न वार्डों में नगर परिषद के कर्मचारी भी सफाई करने के लिए पहुंचते हैं। लेकिन इसके बावजूद कई स्थानों से गंदगी नहीं हट रही है। इस गंदगी का मुख्य कारण शहर में स्थापित अंडरग्राउंड डस्टबिन है। डस्टबिन के ओवरफ्लो होने से लोग डस्टबिन के बाहर ही कूड़ा फेंक रहे है जिस कारण गंदगी फैल रही है और वातावरण भी प्रदूषित हो रहा है। वहीं, सुंदरनगर नगर परिषद क्षेत्र को कूड़ा मुक्त करने के मकसद से नगर परिषद की ओर से शहर में 40 चिन्हित स्थानों पर करीब साढे़ चार करोड़ की लागत से भूमिगत डस्टबिन स्थापित किए गए हैं।

इसके साथ ही घर-घर से ट्रैक्टर के माध्यम से भी कूड़ा उठाया जाता है। इसके बावजूद कई लोग खुले में कूड़ा फेंक रहे हैं। हालांकि कुछ स्थानों पर तो डस्टबिन लोगों की पहुंच में हैं, लेकिन कई स्थानों पर इन्हें पहुंच से दूर स्थापित किया गया है। ऐसे में लोग खुले में कूड़ा फेंक कर अपने क्षेत्र में अपने आप भी गंदगी फैला रहे हैं। स्थानीय निवासी योगेंद्र पाल सेठी ने कहा कि वे हर रोज सुबह-सुबह नहर के किनारे सैर करने जाते है। लेकिन रास्ते में गंदगी के ढेर लगे रहते है। उन्होंने मांग की है कि समय पर अंडरग्राउंड डस्टबिन को खाली किया जाए ताकि लोग कूड़ा बाहर ना फेंके।

क्या कहते हैं नप के कार्यकारी अधिकारी
कार्यकारी अधिकारी नगर परिषद सुंदरनगर अशोक शर्मा ने बताया कि शहर में सफाई व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा जाता है। डस्टबिन के साथ घर-घर से कूड़ा उठाने की योजना भी लोगों के लिए नगर परिषद की ओर से चलाई गई है। लोगों से अपील है कि वे खुले में कूड़ा न फेंकें और शहर को साफ-सुथरा बनाए रखने में सहयोग करें।