किसानों के हक पर सरकारी कर्मचारियों का डाका

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। कांगड़ा

 

हिमाचल में मोटी तनख्वाह लेने वाले सरकारी कर्मचारियों का एक और फर्जीवाड़ा सामने आया है। पहले गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले बीपीएल परिवारों का हक मारकर सस्ता राशन लेते रहे और अब किसान सम्मान निधि के 2.5 करोड़ रुपये डकार लिए हैं। यह राशि अकेले जिला कांगड़ा के किसान परिवारों की है। अन्य जिलों में भी ऐसा फर्जीवाड़ा होने का अंदेशा है। गरीब किसानों का हक डकारने वाले सरकारी कर्मचारियों की चालबाजी पर आयकर विभाग की नजर पड़ी तो उन्होंने डीसी कांगड़ा को पूरे फर्जीवाड़े की जानकारी दी।

 

अब जिला प्रशासन तहसील स्तर पर किसान सम्मान निधि के 2.5 करोड़ डकारने वाले करीब 2500 सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों की लिस्ट बना रहा है। लिस्ट बनाने के बाद प्रशासन इनसे ढाई करोड़ की रिकवरी करेगा। रिकवरी के लिए सरकारी कर्मचारियों को समन भेजे जाएंगे।

गौर हो कि योजना का लाभ उठाने के लिए किसान के नाम खेती वाली जमीन होनी चाहिए। किसान सम्मान निधि के आवेदन पत्र पर साफ लिखा होता है कि सेवारत या सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी, पूर्व सांसद, मंत्री इस योजना का लाभ नहीं ले सकते। जिस सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी की पेंशन 10 हजार रुपये से अधिक है वे भी लाभ नहीं ले सकते। लेकिन, 2500 सरकारी और सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने आवेदन कर ढाई करोड़ रुपये किसान सम्मान निधि अब तक अपने खाते में ले ली। आवेदन के बाद सरकारी दफ्तरों में आवेदन पत्र सही तरीके से चेक नहीं हुए, जिससे यह फर्जीवाड़ा हुआ।

डीसी कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति गलत तरीके से किसान सम्मान निधि हड़पने वाले सरकारी कर्मचारियों से राशि की रिकवरी की जाएगी। जिला कांगड़ा में 2.5 करोड़ रुपये की रिकवरी की जाएगी। प्रशासन ने लिस्ट तैयार कर ली है, उन्हें समन भेजे जाएंगे।