हिमाचल : ई-आरटीआई एप शुरू करे सरकार

एस के शर्मा। हमीरपुर

 

सूचना के अधिकार अधिनियम लागू होने के डेढ़ दशक बाद भी हिमाचल में ऑनलाईन आरटीआई की सुविधा शुरू नहीं हुई है । आज भी आरटीआई के लिए आवेदन प्रपत्र भरने पड़ते हैं और बैंकों से डिमांड ड्राफ्ट या डाकघर से पोस्टल ऑर्डर्स खरीदने पड़ते हैं जिनमें काफी शुल्क देना पड़ता है । कई बार आरटीआई फीस से अधिक राशि तो डिमांड ड्राफ्ट शुल्क के रूप में भरना पड़ता है । डाक से पंजीकृत आवेदन भेजने और सूचना डाक से वापिस आने में भी काफी विलंब होता है मगर केंद्र सरकार ने कई वर्ष पहले ऑनलाईन आरटीआई पोर्टल स्थापित किया है जिसमें केंद्र सरकार के किसी भी विभाग में आरटीआई आवेदन ऑनलाईन जमा होता है और शुल्क भुगतान तत्काल होता है ।

 

सूचना की रसीद और सूचना की प्रति ई-मेल से मिल जाती है । ऐसे में प्रदेश सरकार जनसुविधा हेतु ऑनलाईन आरटीआई एप शुरू करे । उक्त मांग हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल, उपाध्यक्ष मदन, प्रदेश महासचिव विजय हीर, स्टेट प्रतिनिधि संजय ठाकुर, देश राज ,संघ प्रचारक ओम प्रकाश , प्रेस सचिव पवन रांगड़ा , जिला इकाईयों के प्रधान विजय बरवाल, संजय चौधरी, रविन्द्र गुलेरिया, राकेश चौधरी, डॉ0 सुनील दत्त , नीरज भारद्वाज, रिग्ज़िन सैंडप , शेर सिंह ,पुष्पराज खिमटा, रामकृष्ण , अमित छाबड़ा, देशराज शर्मा ने प्रदेश सरकार से की है । संघ महासचिव विजय हीर ने कहा कि कागजी औपचारिकताओं में फंसी आरटीआई प्रक्रिया को पेपरलैस किया जाना आवश्यक है और आरटीआई में सूचना न देने पर अग्रिम अपील का अधिकार भी ऑनलाईन सेवा का अनिवार्य भाग बनाया जाए ।

ऐसे में हर नागरिक मोबाईल से ही आरटीआई आवेदन कर सकेगा और विविध सूचनाओं का संग्रहण होने पर उसी सूचना को किसी अन्य आवेदक के द्वारा मांगने पर तत्काल दिया जा सकेगा । हर सूचना क्यूआर कोड युक्त हो ताकि आवेदक और सूचना प्रदाता की जानकारी वेरिफ़ाई की जा सके । वर्तमान में कुछ प्राईवेट सेवाएँ ऑनलाईन आरटीआई आवेदन के 350 रूपये और अग्रिम अपील के 750 रूपये वसूल कर आम जनता को लूट रहे हैं । ऐसे में ई-सेवाएँ देने में अव्वल हिमाचल सरकार को ई-आरटीआई एप शुरू करनी चाहिए ।

  • पदोन्नतियों हेतु शुभ मुहूर्त की न करें प्रतीक्षा

हिमाचल प्रदेश राजकीय प्रशिक्षित कला स्नातक संघ के महासचिव विजय हीर ने कहा कि जेबीटी से टीजीटी और पी ईटी से डीपीई पदोन्नति सूचियाँ जारी हो गई हैं तो टीजीटी से प्रवक्ता स्कूल न्यू पदोन्नति हेतु शुभ मुहूर्त की प्रतीक्षा करने की बजाय इनको जारी करने की प्रक्रिया तेज़ की जानी चाहिए क्योंकि पैनल विभाग के पास उपलब्ध है । टीजीटी व प्रमोटी लेक्चरर से हेडमास्टर पदोन्नति केवल नियमानुसार हो ताकि नियमों के विपरीत पदोन्नतियाँ न की जा सकें क्योंकि यह मामला हाईकोर्ट में लंबित है ।