आंदोलनकारी किसानों के साथ भाखड़ा विस्थापितों का दर्द भी सुने केंद्र सरकार

हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली ने केंद्र सरकार से की मांग

उज्जवल हिमाचल। दिल्ली
हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली ने केंद्र सरकार से मांग की है की किसान आंदोलनकारियों से बातचीत में भाखड़ा बांध के निर्माण में विस्थापित हिमाचली किसानों को भी एक पक्षकार के तौर पर आमंत्रित किया जाए।

पंजाब-हरियाणा की बंजर जमीन बनी उपजाऊ, लेकिन उजड़ गए हिमाचली किसान

हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली के अध्यक्ष डीडी डोगरा ने कहा कि पंजाब और हरियाणा की बंजर जमीन को सिंचाई के माध्यम से उपजाऊ बनाने के लिए हिमाचल प्रदेश में आजादी के बाद पहला सबसे बड़ा भाखड़ा बांध बनाया गया जिसकी वजह से हरित क्रांति का सपना पूरा हुआ और पंजाब, हरियाणा के किसान समृद्ध हो गए और देश अनाज के मामले में आत्मनिर्भर भी हो गया। उन्होंने कहा की इस बांध के निर्माण के लिए हिमाचल प्रदेश के किसानों की उपजाऊ भूमि का अधिग्रहण किया गया तथा सदियों से खेती कर रहे परम्परागत रूप से हिमाचली किसान रातों रात विस्थपित हो गए तथा उन्हें अपना जीवन यापन करने के लिए संघर्ष करना पड़ा, जो कि अभी भी जारी है।

हिमाचलियों ने खोई जमीन और हरित क्रांति से करोड़पति बन गए हरियाणा-पंजाब के किसान

हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली के अध्यक्ष डीडी डोगरा ने कहा की हिमाचली किसानों के बलिदान की बदौलत देश में आई हरित क्रांति से देश खाद्यान्न के मामलों में आत्मनिर्भर बन गया और पंजाब हरियाणा के किसान करोड़पति बन गए, लेकिन इस हरित क्रांति में अपनी जमीन, जायदाद व सर्बस्व बलिदान करने वाले हिमाचलियों को आज तक पूरी तरह नहीं बसाया गया, बल्कि अनेक सरकारों ने उन्हें पैकेज के नाम पर केवल ठगा और झुनझुना ही थमाया। उन्होंने कहा की अब जबकि किसानों के सभी मुद्दों पर केंद्र सरकार बात करने को राजी हो गई है तो ऐसे में भाखड़ा बांध में विस्थापित हिमाचली किसानों का मुद्दा भी सुलझाया जाना चाहिए ताकि देश और समाज के प्रति उनके बलिदान और समर्पण को राष्ट के सामने रखा जा सके तथा उनके जीवन यापन के लिए एक मुस्त आर्थिक पैकेज प्रदान किया जा सके।

आज तक सभी सरकारों ने पैकेज के नाम पर थमाया झुनझुना

हिमाचल कल्याण सभा दिल्ली के अध्यक्ष डीडी डोगरा केंद्र सरकार से पंजाब और हरियाणा के किसानों की आमदनी पर वार्षिक अधिभार (सेस ) लगा कर इकठा की गई धनराशि को भाखड़ा बांध के निर्माण में विस्थापित हिमाचली किसानों को प्रदान करने की मांग की, ताकि उन्हें हरित क्रांति के लाभ में हिस्सेदारी प्रदान की जा सके। उन्होने भाखड़ा बांध में विस्थापित हिमाचली किसानों को मुफ्त बिजली, सिंचाई के लिए मुफ्त पानी तथा ब्याज मुक्त कर्जा प्रदान करने की भी मांग की। उन्होंने पंजाब और हरियाणा के आन्दोलन कारी भारतीय किसान यूनियन के किसानों को भाखड़ा बांध में विस्थापित हिमाचली किसानों की मांगो को अपने मांग पत्र से शामिल करने की मांग की और अमीर किसानों को स्वेच्छा से एक फण्ड स्थापित करके भाखड़ा बांध में विस्थापित हिमाचली किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया।