पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर हिमाचल में भी मिले 12 प्रतिशत रिजर्वेशन : चटवाल

बाल्मीकि समाज जिला कांगड़ा पंजीकृत की बैठक संपन्न

अंकित वालिया। कांगड़ा

गत रविवार को बाल्मीकि सभा जिला कांगड़ा की बैठक सर्किट रेस्ट हाउस चील गाड़ी धर्मशाला में जिला अध्यक्ष पीएम चटवाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस बैठक में अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सुदेश सहोतरा को विशेष अतिथि के रुप में आमंत्रित किया था। बैठक में जिला वाल्मीकि सभा के चेयरमैन दीपक लाहोरवी व उपाध्यक्ष जिला वाल्मीकि सभा के दोनों प्रकोष्ठ युवा व महिला के अध्यक्ष विनोद बोता, शोभना बोता उनके प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष व महासचिव व सदस्य मौजूद रहे। काेरोना निर्देशों की पालना करते हुए गिने-चुने पदाधिकारियों को मीटिंग में आमंत्रित किया था। बैठक में जिलाध्यक्ष ने वाल्मीकि समाज की मुख्य मांगों को पुरजोर मांग के साथ उठाया और आगे की रणनीति तय की।

उसके बाद प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा सुदेश सहोतरा ने राष्ट्रीय स्तर पर उठाई गई मांगों का विवरण दिया। उन्हाेंने कहा कि वाल्मीकि समाज के मकान जो लगभग 35,40 वर्षों से बने है खास कर धर्मशाला, कैंट, कृष्णा नगर, शिमला, मंडी, बिलासपुर सोलन, हमीरपुर, नूरपुर व चंबा आदि क्षेत्रो मे उन्होंने राजस्व रिकॉर्ड मे दर्ज करके मालकाना हक़ दिया जाए और जो वाल्मीकि समाज के लोग सफाई पेशे से जुड़े हैं, उन्हें 5,5 मरले जमीन अलॉट की जाए। वाल्मीकि समाज को पुरे हिमाचल में केवल वाल्मीकि जाति के नाम पर अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए। वाल्मीकि समाज को हर क्षेत्र में पूरी सहभागिता मिले। इसलिए पंजाब और हरियाणा की तर्ज पर जहां उन्हें 12 प्रतिशत रिजर्वेशन वीथिन रिजर्वेशन मिलता है।

इसलिए वाल्मीकि समाज और रविदास समाज को 6 प्रतिशत रिजर्वेशन दिया जाए। क्योंकि बहुत सी जातियां न तो वाे दलित है और न ही उनका शोषण हुआ है, उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग से बाहर रखा जाए। खास कर धीमान लोहार और तरखान इनका न तो समाजिक बहिष्कार हुआ है न ही उत्पीड़ित हुए है। इस वर्ग को ओबीसी वर्ग में रखा जाए। जिला कांगड़ा की धर्मशाला तहसील के अंतर्गत कैंट कजलोट पंचायत वार्ड-2 मे वाल्मीकि बस्ती को सड़क से जोड़ा जाए और रास्ते की व्यवस्था की जाए। उसी प्रकार यौल कैंट मे भगवान वाल्मीकि मंदिर को आर्मी से मुक्त करवाकर यौल वाल्मीकि सभा को मंदिर देखरेख व आरती व पूजा-अर्चना के लिए सुपुर्द किया जाए।

वाल्मीकि समाज के बच्चों को +2 के बाद हायर एजुकेशन लेने के लिए सरकार द्वारा फीस मे छूट दी जाती है, तो वाल्मीकि बच्चों को भी ओबीसी वर्ग क़ी तर्ज पर इनकम क्राइट एरिया रखा जाए। इसके साथ ही उन्हाेंने कह कि राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अखिल भारतीय वाल्मीकि महासभा सुदेश सहोतरा ने साफ शब्दों मे कह दिया है क़ी आने वाले चुनाव से पहले उनकी मांगे पूरी करे। इस विषय पर शीघ्र मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश जयराम ठाकुर से बैठक तय करेंगे और मुख्य मुद्दों पर विस्तार से चर्चा होगी।