हिमाचल ने जम्मू-कश्मीर से वापस मांगी अपनी जमीन, 168 साल पुराने दस्तावेज भी दिखाए, अब केंद्र लेंगा फैसला

उज्जवल हिमाचल। चंबा

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिला प्रशासन ने प्रसिद्ध पर्यटन क्षेत्र पधरी जोत सीमा क्षेत्र विवाद को लेकर अपने तरफ से दस्तावेज जम्मू कश्मीर को सांप दिए हैं। अब इस मामले में फैसला केंद्र सरकार को लेना है। बता दें कि जम्मू कश्मीर के डोडा क्षेत्र में पधरी जोत प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। हिमाचल के लोगों को इसमें अपार श्रद्धा है। चंबा जिले के लोगों का हमेशा से दावा रहा है कि पधरी जोत को चबा के सलूनी उपमंडल का भाग है।

वहीं, डोडा प्रशासन का कहना है कि पधरी जोत जम्मू-कश्मीर का हिस्सा है। इस मुद्दे को लेकर चंबा और डोडा जिला प्रशासन के बीच कुंडी मराल में बैठक हुई है। बैठक में निर्णय लिया गया है कि डोडा प्रशासन अपने दस्तावेज एक माह के भीतर चंबा प्रशासन को देगा। उसके बाद मामला केंद्र सरकार के पास जाएगा। चंबा जिला प्रशासन ने डोडा प्रशासन के समक्ष 1854 से पहले के दस्तावेज भी प्रस्तुत किए गए हैं।

उपायुक्त चंबा दुनी चंद राणा ने बताया कि पधरी जोत क्षेत्र में हिमाचल की सीमा में आने वाले इलाके को लेकर जिला प्रशासन ने अपना दावा पेश किया है। अब जम्मू.कश्मीर की ओर से दावा व दस्तावेज मांगे गए हैं। इस संबंध में प्रक्रिया जारी है। गौरतलब है कि फैसला होने तक पधरी जोत पहले की तरह जम्मू.कश्मीर का ही हिस्सा रहेगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशकों से पधरी जोत से भद्रवाही गोठ तक भद्रवाह का हिस्सा है। भद्रवाह के लोग गर्मियों में मवेशी लेकर उस इलाके में जाते हैं। पधरी जोत सलूनी उपमंडल के कुंडी मराल से नजदीक है।