जवाली में भाजपा हुई दोफाड़, विधायक अर्जुन सिंह ने भनेई में तो संजय गुलेरिया ने लब में मनाया भाजपा का स्थापना दिवस

चैन गुलेरिया। जवाली

याद रहे 2012 के चुनावों में पार्टी की अंतर्कलह के कारण भाजपा को करारी हार का सामना करना पड़ा था और 2017 के चुनावों में भी भाजपा की स्तिथि बहुत ही नाजुक बनी हुई थी लेकिन भाजपा हाई कमान ने भाजपा के सच्चे सिपाही व समाजसेवी संजय गुलेरिया को संगठनात्मक जिला नूरपुर की चारों विधान सभाओं के भाजपा उम्मीदवारों को जिताने का जिम्मा सौंपा जिसमें संजय गुलेरिया चार में से तीन सीटों पर जीत दिलाने में कामयाब हुए । चुनाव जीतने के बाद ज्वाली के विधायक अर्जुन सिंह ने संजय गुलेरिया और पूर्व मंत्री हरबंस सिंह राणा सहित पुराने कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर दिया । विधायक अर्जुन सिंह ने समाजसेवी एवं भाजपा के सच्चे सिपाही संजय गुलेरिया, पूर्व मंत्री हरबंस सिंह राणा व पुराने कार्यकर्ताओं के साथ नफरत की अंदर खाते इतनी गहरी खाई खोद रखी थी जोकि आज लावा की तरह उभर कर सामने आई ।

बता दें कि ज्वाली विधान सभा क्षेत्र में भाजपा की दोफाड़ की गहरी खाई उस समय जगजाहिर हुई जब बुधवार को ज्वाली के 100 मीटर के अंतराल में भनेई के शंकर पैलेस में विधायक अर्जुन सिंह और लव चौक के साथ समाजसेवी , भाजपा के सिपाही एवम राष्ट्रीय राज्य लघु एवं बचत सलाहकार बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय गुलेरिया, पूर्व मंत्री हरबंस सिंह ने विधायक द्वारा अनदेखी किए भाजपा कार्यकर्ताओं संग पार्टी का स्थापना दिवस मनाया गया ।

बड़े हैरत की बात है कि हिमाचल प्रदेश विस चुनाव से पहले ही जवाली भाजपा दोफाड़ हो गई है। भाजपा के दो गुट बन गए हैं। एक गुट विधायक अर्जुन सिंह के साथ है जबकि पूर्व मंत्री डॉ हरबंस राणा सहित पुराने व वरिष्ठ कार्यकर्ता राष्ट्रीय राज्य लघु एवं बचत सलाहकार बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष संजय गुलेरिया के साथ हैं। भाजपा कार्यकर्ताओं को अब दुविधा हो गई है कि वे किसके पास जाएं तथा किसके पास न जाएं। कार्यकर्ता पशोपेश में हो गए हैं। अभी हाल ही में भाजपा चुनाव प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने भी जवाली में बैठकें की लेकिन उसमें पूर्व मंत्री डॉ. हरबंस राणा, संजय गुलेरिया सहित वरिष्ठ कार्यकर्ता नदारद रहे।

अविनाश राय खन्ना भी गुटबाजी को समाप्त नहीं कर पाए। भाजपा का मूल मंत्र सबका साथ सबका विकास भी हवा हवाई हो गया। संजय गुलेरिया ने वर्ष 2012 में आजाद प्रत्याशी चुनाव लड़ा तो उस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अर्जुन सिंह की करारी हार हुई। विस चुनाव 2017 में भाजपा हाईकमान ने संजय गुलेरिया को चुनाव न लड़ने के लिए मनवा लिया तथा भाजपा के विधायक अर्जुन सिंह की जीत हुई लेकिन तब से लगातार संजय गुलेरिया, डॉ. हरबंस राणा सहित वरिष्ठ भाजपा कार्यकर्ताओं की अनदेखी जारी रही। अब आखिरकार संजय गुलेरिया व पूर्व मंत्री डॉ. हरबंस राणा ने लब में अपना निजी कार्यालय खोला तथा भाजपा का स्थापना दिवस मनाया। अगर इस बार भाजपा ने जवाली भाजपा की गुटवाजी को खत्म नहीं किया तो विस चुनाव 2022 में भाजपा को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।