हिमाचल में नाइट कर्फ्यू खत्म, जयराम सरकार ने मानीं ठेकेदारों की मांगें

उज्जवल हिमाचल। शिमला

हिमाचल प्रदेश में कोरोना के कारण लागू नाइट कर्फ्यू को हटा दिया गया है। राज्य मंत्रिमंडल की बुधवार को आयोजित आपात बैठक में कर्फ्यू हटाने और ठेकेदारों की समस्या के समाधान के लिए माइनिंग एक्ट में संशोधित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद माइनिंग एक्ट को संशोधन के लिए विधानसभा में लाया जाएगा।

हिमाचल में ठेकेदार दो दिन से हड़ताल पर डटे है। ठेकेदारों ने सभी विका कार्य रोक दिए थे, क्योंकि PWD महकमा हाईकोर्ट के आदेशों के कारण कई महीनों से इनकी पेमेंट नहीं दे रहा है। हाईकोर्ट ने माइननिंग एक्ट के प्रावधान के मुताबिक ठेकेदारों को पेमेंट देने से पहले M फार्म जमा करना अनिवार्य कर रखा है, लेकिन ठेकेदारों का आरोप है कि क्रशर मालिक ही जब उन्हें M फार्म नहीं देते तो ठेकेदार इस फार्म को कैसे जमा कराएंगे। इतना ही नहीं ठेकेदार बिना फार्म के भी सालों से सरकार को रॉयल्टी देते आ रहे है।

बावजूद इसके ठेकेदारों की पेमेंट विभाग ने रोक रखी है। इसलिए ठेकेदारों ने सभी सिविल वर्क ठप करने के अलावा टेंडर प्रक्रिया का बहिष्कार कर रखा है। इससे करोड़ों रुपए के विकास कार्य प्रभावित हो रहे है। यही वजह है कि राज्य सरकार ने ठेकेदारों की समस्या से समाधान के लिए आपात बैठक बुलाई।

ये थी ठेकेदारों की मांग…

ठेकेदार सरकार से माइनिंग के नियमों में संशोधन कर सरलीकरण की मांग कर रहे थे। क्रेशर में डब्ल्यू एक्स फार्म देने की सीमा तय की गई है। लेकिन ठेकेदारों को यह फार्म नहीं मिल रहे थे, जिससे लोक निर्माण और अन्य विभागों के पास करोड़ों की राशि फंसी हुई है। ठेकेदारों का एक जुलाई 2017 से पहले के कार्यों पर रिफंड का मामला भी लटका हुआ है और इस कारण ठेकेदार दो दिन से हड़ताल पर चल रहे हैं।