मासूम बच्ची से हैवानियत करने वाले दरिंदे को हिमाचल की अदालत ने सुनाई सजा-ए-मौत की सजा

अमरप्रीत सिंह पुंज। सोलन

20 फरवरी 2017 की खौफनाक दरिंदगी में 7 साल की मासूम बच्ची के साथ पहले दुराचार किया गया, इसके बाद दिल दहला देने वाली इस घटना में मासूम की गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी। मासूम बच्ची से दुराचार के दौरान तमाम हदों को लांघ दिया गया था। दरिंदगी की इंतहा इस कद्र थी कि बच्ची के प्राइवेट पार्ट में लकड़ी का टुकड़ा भी डाल दिया गया। ये वारदात बद्दी पुलिस थाना के तहत 21 फरवरी 2017 को सामने आई थी।

इस जघन्य अपराध को सोलन में अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायधीश की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने रेयर ऑफ रेयरेस्ट नेचर करार दिया है। वारदात में दोषी पाए गए उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला के रहने वाले आकाश को सजा-ए-मौत के आदेश जारी हुए हैं। अदालत में दोषी को आईपीसी की धारा-302, 376 व पोक्सो एक्ट की धारा-10 के तहत सजा सुनाई है। अदालत ने ये भी टिप्पणी की कि अपराध की ये घटना असाधारण है। इसमें आजीवन कारावास की सजा अपर्याप्त होगी।

जिला न्यायवादी एमके शर्मा के मुताबिक स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीयूष कपिला द्वारा शव का पोस्टमार्टम किया गया था। इसमें ओपिनियन आया था कि बच्ची की हत्या गला घोंटकर की गई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के दौरान भी दरिंदगी से दुराचार के बाद हत्या की तस्दीक हो गई थी।

इस अपराध की जांच को सब इंस्पेक्टर बहादुर सिंह द्वारा किया गया था, जो इस समय सीआईडी शिमला में तैनात हैं।
अदालत ने दोषी पाए गए आकाश को आईपीसी की धारा 302 के तहत 25000 का जुर्माना अदा करने के भी आदेश दिए हैं। जुर्माना अदा न करने की सूरत में 6 माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।

अदालत ने पोक्सो एक्ट की धारा-6 व आईपीसी की धारा-376 के तहत दोषी को आजीवन कारावास की सजा भी सुनाई है। साथ ही 25 हजार रुपए जुर्माना किया गया है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में दोषी को 6 माह साधारण कारावास भुगतना होगा। अदालत ने पीड़ित बच्ची के माता-पिता को 12 लाख 50 हजार रुपए का कंपनसेशन अदा करने के भी आदेश जारी किए हैं। बता दें कि अदालत द्वारा जारी फांसी की सजा के आदेश की कन्फर्मेशन उच्च न्यायालय द्वारा की जाएगी। मामले की पैरवी विशेष सरकारी अभियोजक सुनील दत्त वासुदेवा द्वारा की गई।

उल्लेखनीय है कि प्रवासी दंपत्ति की बेटी 20 फरवरी 2017 को लापता हुई थी। परिजनों को ही दोषी के बच्ची के साथ होने की सूचना मिली थी। दोषी पाए गए आकाश की निशानदेही पर ही बच्ची का शव जंगल से बरामद किया गया था।