कैप्टन संजय 3 को लग बलियाना और 8 जनवरी को लग में लगाएंगे मेडीकल कैंप

उज्जवल हिमाचल। डासीबा

जसवां-परागपुर क्षेत्र को मोतियाबिंद मुक्त करने का कैप्टन संजय का महाअभियान जारी है। इस महीने की 3 तारीख को लग बलियाना में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जा रहा है तो 8 जनवरी को लग पंचायत में मेडीकल कैंप लगाया जाएगा। इसके अलावा 25 जनवरी को सरड़ डोगरी और 29 जनवरी को हलेड़ पंचायत में भी शिविर लगाए जाएंगे।
दरअसल जसवां-परागपुर क्षेत्र को माेतियाबिंद मुक्त बनाने काे लेकर कैप्टन संजय पराशर ने पिछले वर्ष के फरवरी माह में मेडीकल कैंप लगाने की शुरूआत गांव स्वाणा से की थी।

उसके बाद रिड़ी कुठेड़ा, रोड़ी-कोड़ी, बाड़ी, कड़ोआ, पपलोथर, शांतला, मनियाला, कस्बा कोटला, घमरूर, नंगल चौक, रक्कड़, मूंही, जंबल और मेहड़ा में भी स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। इसके अलावा दो शिविर रोटरी आइ अस्पताल, परागपुर में भी करवाए गए। पराशर द्वारा आयोजित कुल 17 मेडीकल कैंपों में लाभार्थियों का आंकड़ा सोलह हजार से ज्यादा रहा है। घर-द्वार पर चिकित्सा शिविर लगने के बाद बुजुर्ग अपने गांव या आसपास के क्षेत्र में ही निशुल्क में चेकअप करवा रहे हैं तो उसी वक्त उन्हें चश्मा व दवाईयां भी उपलब्ध हो जाती हैं।

इसके साथ ही मोतियाबिंद ऑपरेशन करवाने वाले मरीजों को अपने निवास स्थान से आने व जाने के लिए वाहन की निशुल्क सुविधा पराशर द्वारा प्रदान की ही जा रही है। साथ में दवाई, भोजन और ठहरने तक की व्यवस्था भी की जाती है। चश्मे से लेकर आपरेशन तक निःशुल्क सुविधा मिलने का फायदा ग्रामीण क्षेत्रों के रोगी ज्यादा उठा रहे हैं। अमूमन मोतियाबिंद ग्रामीणों में अधिक होता है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसान वर्ग धूल वाले स्थानों पर काम करता है। इससे आँखों पर प्रभाव होने लगता है। इस समस्या को ऑपरेशन के जरिए ही हटाया जा सकता है। ऐसे में पराशर ने जालंधर स्थित निजी अस्पताल में ग्यारह मेडीकल कैंपाें मे साढ़े आठ सौ से ज्यादा मरीजों के ऑपरेशन करवाए, तो रोटरी आई हॉस्पिटल, परागपुर के जरिए भी एक सौ से अधिक बुजुर्गों के आपरेशन करवाए हैं।

मरीजों के बीपी और शुगर के टेस्ट भी शिविर में ही हो जाते हैं। अब तक तीन हजार से ज्यादा मरीजों के टेस्ट किए गए हैं। मेडीकल कैंप में पहुंची महिलाओं को सैनिटरी पैड्स का भी निशुल्क वितरण किया जाता है। पूर्व बीडीसी सदस्य रत्न चंद और समाजसेवी संसार चंद ने बताया कि पराशर द्वारा लगाए जा रहे मेडीकल कैंपों से दूरदराज के बुजुर्ग व महिला मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा मिल रहा है।

पराशर ने कहा कि सुदूर गांवों के मरीज आर्थिक व अन्य कारणों से अपनी आंखों व कानों का इलाज करवाने में असमर्थ हैं, उनके लिए पराशर के स्वास्थ्य शिविर किसी वरदान जैसे हैं। वहीं, कैप्टन संजय ने बताया कि नए वर्ष में हर महीने तीन से चार मेडीकल कैम्प उनके द्वारा क्षेत्र के गांवाें मेडीकल कैंप लगाने की योजना है। बताया कि मार्च तक 12 कैम्प जसवां-परागपुर क्षेत्र में आयोजित किए जाएंगे।