हिमाचलः बेसहारा पशुओं की लगातार बढ़ रही संख्या से सड़कों पर गुजरना हुआ मुश्किल

दिन रात बेसहारा पशु सड़को पर, आए दिन हादसे का भय

Himachal: Due to the increasing number of destitute animals, it is difficult to pass on the roads
हिमाचलः बेसहारा पशुओं की लगातार बढ़ रही संख्या से सड़कों पर गुजरना हुआ मुश्किल

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा
कांगड़ा उपमंडल में बेसहारा पशुओं के लिए ठिकाना तलाशने के सभी सरकारी दावे धरातल पर धराशाई होते नजर आ रहे हैं। सरकार गौसदन बनाने की बात करती है, लेकिन जमीनी स्तर पर काम होता कहीं भी नहीं दिख रहा है। बेसहारा पशुओं के सड़क पर घूमने से वाहन चालको के साथ जनता भी खासी परेशान हैं और फसलों के नुकसान के रूप में इसका खामियाजा क्षेत्र के किसान भुगत रहे हैं।

यहीं नजारा विकास खंड कांगड़ा के तहत आते राष्ट्रीय राजमार्ग पठानकोट-मंडी एवं पुराना कांगड़ा में स्थित लोक निर्माण विभाग रेस्ट हाऊस के रास्ते में सड़क के बीच बैठे पशुओ का झुंड देखने को मिला। राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अन्य सडकों पर बेसहारा पशुओं का जमावड़ा वाहन चालकों और राहगीरों के लिए परेशानी का सबब बने हुए हैं।

राष्ट्रीय राज मार्ग शिमला-धर्मशाला, पठानकोट-मंडी एवं कांगड़ा उपमंडल की अन्य सभी सडकों पर बेसहारा पशुओं की बढ़ती तादाद से वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। प्रशासन को समय रहते इस समस्या से निपटने के लिए प्रयास करने चाहिए। जो लोग अपने पालतू पशुओं को पालने के बाद जरूरत ना होने पर सड़कों पर उन्हें बेसहारा भटकने के लिए छोड़ देते हैं उनके खिलाफ भी प्रशासन को सख्त कानून बनाने चाहिए ताकि लोग अपने पालतू पशुओं को बेसहारा छोड़ने से भी डरे।

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बेसहारा पशुओं की बढ़ती संख्या ने कईं लोगों को खेतीबाड़ी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और कईं लोगों ने तो अपनी जमीनें भी खाली छोड़ दी हैं और जिन लोगों ने फसलों की बिजाई की है, उनकी फसलों को बेसहारा पशु नुकसान पहुंचा रहे हैं।

लोगों ने सरकार और प्रशासन गुहार लगाई है कि इन बेसहारा पशुओं का कोई हल किया जाए, ताकि लोगों को इससे राहत मिल सकें और फिर से वे अपनी खेतीबाड़ी को शुरू कर सकें। इस समस्या को लेकर सरकार, प्रशासन और समाज सेवी संस्थाओं को मिलकर काम करना चाहिए, ताकि लोगों को परेशानी से छुटकारा मिल सके। कईं बार लोग इन बेसहारा पशुओं के हमलों में घायल तक हो चुके है।

ग्राम पंचायत खोली के प्रधान केवल चौधरी का कहना है कि सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई हैं लेकिन ये तब तक सिरे नहीं चढ़ सकती जब तक बेसहारा पशुओं से निजात दिलाने के लिए योजना नहीं बनाई जाती। कांगड़ा बायपास से बस स्टैंड कांगड़ा की ओर जाने वाली सड़क पर भी बेसहारा पशुओं का जमावड़ा दुर्घटनाओं का कारण बनता रहता है।

कई बार पशु एकदम से गाड़ियों के आगे आ जाते हैं और अचानक हादसे हो जाते हैं। यह बेसहारा पशु दिन रात सड़को पर घूमते हुए आपस में भी बीच सड़क लड़ते रहते है। ग्राम पंचायत जमानाबाद के प्रधान कुलदीप चौधरी का कहना है कि क्षेत्र में बेसहारा पशुओं की वजह से खेतीबाड़ी करना मुश्किल हो गया है। महंगे बीज व खाद खेत में डालने के बाद भी मेहनत का फल नहीं मिल रहा है, जिस वजह से क्षेत्र के लोगों को खेतीबाड़ी छोड़नी पड़ रही है।

प्रताप चंद का कहना है कि क्षेत्र में बेसहारा पशु परेशानी का सबब बने हुए हैं, लेकिन प्रशासन इन पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। जिससे उन्हें इन बेसहारा पशुओं से निजात मिल सके। प्रशासन व सरकार को इस समस्या के समाधान के लिए उचित कदम उठाना चाहिए।

एसडीेम कांगड़ा नवीन तंवर का कहना है कि सरकार और सामजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर प्रशासन बेसहारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने के लिए कार्य कर रहा है और शीघ्र ही इन बेसहारा पशुओं के लिए कोई स्थाई समाधान किया जाएगा ताकि लोगों को इस परेशानी छुटकारा मिल सके और किसान फिर से अपनी खेतीबाड़ी का काम बेफिक्र होकर शुरू कर सकें।

संवाददाताः अंकित वालिया

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