उज्जवल हिमाचल। शिमला
हिमाचल प्रदेश के बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने ओपीएस बहाल न होने पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिजली बोर्ड के कर्मचारियों और इंजीनियर ने संयूक्त रुप से बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन कर सरकार को चेताया की अगर सरकार ने अन्य विभागों की तर्ज पर बोर्ड के कर्मचारियों को पेंशन नहीं दी तो बड़ा आंदोलन सरकार के खिलाफ़ शुरू किया जायेगा और इसमें अब बोर्ड से सेवानिवृत पेंशनर भी साथ आ गए हैं।
बिजली बोर्ड कर्मचारी संघ के महासचिव हीरा लाल वर्मा ने बताया कि सरकार बिजली बोर्ड को तबाह करने पर तुली हुईं है और बिजली बोर्ड ट्रांसमिशन और जेनरेशन को अलग करने की बात हों रही है। ट्रांसमिशन और जेनरेशन किसी दूसरे के हाथ में जाने से बिजली की दरें दोगुनी हो जायेगी जिसका असर उपभोक्ता पर होगा।
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साफ़ तौर पर निजीकरण की तरफ़ सरकार बढ़ रही है। डिजीटल से स्मार्ट मीटर लगाने की बिजली बोर्ड बात कर रहा है जिसका 3 हज़ार करोड़ रुपए का खर्च आएगा और सीधा असर बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा।
बिजली बोर्ड के कर्मचारी इस साजिश का विरोध करते हैं। इसके अलावा उन्होंने हाल ही में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी राम सुभग सिंह को एक साल की एक्सटेंशन देने का भी विरोध जताया और सेवा विस्तार को तुरंत खत्म करने की सरकार से मांग की।