हिमाचलः कोर्ट के आदेश के बाद भी जारी, अवैध खनन

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर

नुरपुर हिमाचल प्रदेश मे भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी कोई भी सरकार अवैध खनन पर रोक लगाने में पूरी तरह सफल नहीं हो सकी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार को पूर्व सरकारों से विरासत में मिला भू माफिया खनन माफिया शराब माफियाय नशा माफिया वन माफिया जो सरकार के राजस्व को करोड़ों रुपये की चपत लगा रहा है। आजकल ये चर्चाएं लोगों की जुबान पर चर्चित है कि वर्तमान सरकार भी इन माफियाओं के आगे नतमस्तक है अगर समय रहते हुए सरकार ऐसे माफियाओं पर अकुश लगा देती आज हिमाचल की वित्तीय स्थिति कर्ज दार नहीं होती पूर्व मुख्यमंत्री शान्ता कुमार ने भी इस रहस्य पर कहा था कि हिमाचल प्रदेश में जो नदी नाले है।

उसमें वहने वाला पानी व रेत वजरी हिमाचल की आमदनी का स्रोत है अगर सरकार इस पर गौर करे ये वात उन्होंने उस समय की थी जव हिमाचल प्रदेश में कोई भी खनन माफिया नही था आज ऐसे माफिया करोड़ पति वन चुके है और सरकार कर्ज मे डूब रही है। लेकिन शान्ता कुमार की बात को किसी भी सरकार ने नहीं माना अव हिमाचल सरकार खनन विभाग क्षेत्र की सरकारी व गैर सरकारी खंडों की विधिवत नीलामी करने जा रही है। खनन का यह मामला अधिकाशं हिमाचल प्रदेश की सीमाओं से जुड़े राज्य है जहा अभी तक दोनों राज्यों के बीच इन क्षेत्रों में वहने वाली नदियों व खडडो के वीच राजस्व लाईनों का न होना बताया गया है सरकारी सूत्रों द्वारा इस मामले की पुष्टि की गई है। जहां चक्की उपनदी व व्यास व अन्य खडडो से सरकार को काफी मात्रा में राजस्व मिल सकता है।

बही दूसरी ओर इससे अवैध खनन की समस्या का भी हल होगा अगर सरकार शान्ता कुमार की नीतियों पर अम्ल करती है। स्टोन क्रशर मालिकों को भी इससे राहत मिल पाएगी! उन्हें खनन सामग्री के लिए खनन माफिया पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। इसके अलावा अवैध खनन सेनदी व खडडो के किनारे बसे लोगों की उपजाऊ जमीन को भी खनन माफियाओं से मुक्ति मिलेगी। नूरपुर जवाली फतेहपुर व इन्दौरा उपमंडल मे क्षेत्र के नदी नाले व दर्जनों खड्डों की निगरानी के लिए वर्तमान में एकमात्र सहायक खनन अधिकारी तथा कुछ गार्ड नियुक्त काफी समय से किए गए हैं। खनन रोकने के लिए कुछ समय पूर्व सरकार ने तीन पुलिस पोस्टों को तैनात किया गया था।