हिमाचलः नई सड़कों के निर्माण के बजाय सुधारीकरण पर जोर देंगी सरकार, 3125 किलोमीटर के लिए तीन हजार करोड़

उज्जवल हिमाचल। शिमला

हिमाचल प्रदेश में मैदानों से लेकर पहाड़ों तक सड़क का जाल बिछ रहा है। जिससे प्रदेश के हर हिस्से में यातयात के साथ विकास को रफ्तार मिल रही है। अब प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना पीएमजीएसवाइ के तहत सड़क निर्माण के बजाय सड़कों की गुणवत्ता सुधारने पर जो दिया जाएगा। इस योजना के तहत प्रदेश में तीसरे चरण पर 3125 किलोमीटर लंबी सड़कों का सुधारीकरण किया जाएगा। पहले चरण में 18 ब्लाक में कार्य आरंभ होगा। इनकी विस्तृत कार्ययोजना डीपीआर तैयार कर स्वीकृति के लिए केंद्र सरकार को भेजी गई है। सभी ब्लाक में डाटा एकत्रीकरण का कार्य पूरा हो गया है। इनमें भी डीपीआर बनाई जा रही है, जिसे चरणबद्ध तरीके से केंद्र के पास भेजा जाएगा।

इसके तहत कौन सी सड़कें चयनित होंगी, इसका निर्धारित अत्याधुनिक तकनीक के सहारे होगा पीएमजीएसवाइ में तीसरे चरण को सहमति मिल चुकी है। पहले दो चरणों में निर्मित सड़कों का सुधार और उन्हें स्तरोन्नत किया जाना है। इस रखरखाव के लिए केंद्र सरकार भौगोलिक सूचना प्रणाली जीआइएस तकनीक का सहारा ले रही है। इसी माध्यम से सड़कों के लिए बजट तय हो रहा है। साफ्टवेयर सड़क का चयन करेगा। प्रदेश के 80 ब्लाक में जीआइएस मैङ्क्षपग का काम पूरा हो गया है। सरकारी संस्थानों का पूरा डाटाबेस तैयार हो गया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पीएमजीएसवाइ तीन के तहत हिमाचल की 3125 किलोमीटर सड़कों को अपग्रेड करने की सीमा तय की है।

अपग्रेड करने से पहले सड़कों के रूट बनाए जा रहे हैं। कई क्षेत्रों में एक-दो या तीन संपर्क मार्ग को जोड़कर एक सड़क बनाई जाएगी। इससे ग्रामीण हिमाचल में कोर नेटवर्क तैयार किया जाना है। पहले चरण में करीब 1000 करोड़ की फंडिंग का प्रस्ताव है। इसके बाद दो-दो प्रस्ताव केंद्र को भेजे जाएंगे। प्रदेश में तीसरे चरण में तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। ऐस तभी हो पाएगा, जब केंद्र सभी डीपीआर को स्वीकृति प्रदान करेगा। पीएमजीएसवाइ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने दिसंबर 2000 में शुरू की थी। इसके तहत प्रदेश में करीब 38 हजार किलोमीटर सड़कों का जाल बिछाया है।