उज्जवल हिमाचल। मंडी
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा शुरू किया था तो उन्हें इस बात का एहसास हो गया था कि आपदा के ज़ख़्म गहरे हैं। जयराम ठाकुर ने दौरे के बीच ही दिल्ली पहुंचे और अपनी बात केंद्रीय गृहमंत्री के समक्ष रखी। जयराम ठाकुर द्वारा बाढ़ के हालात से उन्हें अवगत करवाया। उन्होंने आपदा के लिए फौरी राहत राशि की भी मांग की। इसे केंद्र सरकार ने तुरंत जारी भी कर दिया।
सड़कों को जिस तरह का नुक़सान हुआ था, वह बिना केंद्र की मदद के पटरी पर आना आसान नहीं था। इसके बाद जयराम ठाकुर दिल्ली जाकर केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गड़करी से मिले और उन्हें प्रदेश की सड़कों के हाल से अवगत करवाया।
जयराम ठाकुर ने नितिन गडकरी ने हिमाचल चल कर नुक़सान का जायज़ा लेने का आग्रह किया। इसे नितिन गड़करी ने स्वीकार किया और लोकसभा की कार्यवाही के बीच ही वह हिमाचल आये और आपदा प्रभावित क्षेत्रों का हवाई और जमीन से जायज़ा लिया।
जायज़ा लेने के बाद नितिन गड़करी ने यह माना कि जितना सोचा था उससे कहीं बहुत ज़्यादा नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने नितिन गड़करी से प्रदेश की सड़कों को सुधारने लिए जो भी सहायता मांगी, वह नितिन गड़करी ने दे दी। इसके अलावा नितिन गड़करी ने प्रदेश में सड़कों के सुधार के लिए कई ऐसी घोषणाएं की।
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इससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोगों और सरकार को बड़ी राहत मिलने वाली है। बता दें कि पक्ष और विपक्ष पहली बार एक ही हेलीकॉप्टर से नुकसान का जायजा लेने पहुंचा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने भी नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर का आभार जताते हुए कहा कि जिस प्रकार का सहयोग उन्होंने गाड़ी के अंदर हमारा आपदा की इस घड़ी में प्रदेश के लिए मदद को लेकर किया तो बाहर भी करें।
हम उनके आभारी हैं वे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जी को साथ लेकर हिमाचल पहुंचे। कुल्लू मनाली के इस दौरे में सबकी जुबां पर एक ही बात थी कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने इस आपदा की घड़ी में जमीन पर जिस प्रकार खामोशी से काम करते हुए केंद्र से अपने संबंधों के बल पर केंद्रीय मदद दिलाई है वो अभूतपूर्व है।
आपदा ही घड़ी में ऐसा ही होना चाहिए। लोग उनके नितिन गडकरी से बेहतर तालमेल को भी याद करते दिखे कि ये दौरा भी तभी संभव हुआ है। लोगों ने कहा कि पिछले साल जब गडकरी हिमाचल आए थे तो उन्होंने जयराम ठाकुर को एक साल के अंदर फोरलेन पूरा करने का आश्वासन दिया था। बता दें कि आपदा की इस घड़ी में फोरलेन सुरंगे नहीं तैयार हुई होती तो कुल्लू-मनाली कई माह तक कटा रहता।