सीएम हेल्पलाइन में कर्मियों को नही मिल रहा न्यूनतम वेतन

आम जनता की समस्याओं को सुनने वालों की नहींं सुन रही सरकार

उज्ज्वल हिमाचल। शिमला

सीएम हेल्पलाइन पर हिमाचल के हर तबके की समस्याओं को सुनने और इन समस्याओं को विभागों तक पहुचाने वाले कर्मियों की समस्या सुनने वाला कोई नही है। इन कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन तक नहीं मिल पा रहा है। चार सालों से यह कर्मचारी कंपनी प्रबधन से लेकर सरकार से न्यूनतम वेतन देने की गुहार लगा रहे हैं लेकिन इन्हें आज भी 85 सौ रुपए ही वेतन दिया जा रहा है जबकि प्रदेश सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम दिहाड़ी के हिसाब से अकुशल कामगार को किसी भी कंपनी, ठेकेदार, संस्था को 11250 रुपए का मासिक भुगतान करना होता है। बावजूद इसके कम्पनी प्रबधन सरकार के नियमो को ठेंगा दिखा कर अपने कर्मियों को 85 सौ रुपए हर माह दे रहा है।

वहीं सोमवार को जब कुछ कर्मी प्रोजेक्ट मैनेजर के पास अपनी समस्याओं को लेकर पहुंचे तो प्रोजेक्ट मैनेजर के साथ कर्मियों की बहसबाजी शुरू हो गई और उसके बाद आपस में उलझ गए और हाथापाई की। इसका वीडियो भी अब वायरल हो रहा है। कर्मियों का कहना है कि वह न्यूनतम वेतन देने के साथ अन्य समस्याओं को लेकर प्रोजेक्ट मैनेजर के पास पहुंचे थे लेकिन अब प्रोजेक्ट मैनेजर बात करने की जगह गालीगलौच पर उतर आए और हाथापाई करने लगे। कर्मी रोहित का कहना है कि उन्हें बेवजह ही परेशान किया जा रहा है।

आज प्रोजेक्ट मैनेजर से बात करने गए उन्होंने मारपीट की है। कर्मचारियों का कहना है कि वह प्रदेश के लोगों की समस्याओं को हल करने के लिए दिन-रात काम करते हैं और जो भी लोग सीएम हेल्पलाइन पर अपनी शिकायत करते हैं उन्हें विभाग तक पहुंचाते हैं लेकिन उनकी समस्याओं का समाधान करने वाला कोई नहीं है उन्होंने मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई कि वे उनकी समस्या का समाधान करें और उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए।

ब्यूरो रिपोर्ट शिमला 

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