हिमाचलः स्कूली छात्रों को काँगड़ा दुर्ग में मिला खज़ाना

सभी बच्चों ने संग्राहलय दिवस में लिया बढ चढ़ कर भाग

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कांगड़ा दुर्ग परिसर में स्तिथ पुरातत्व संग्रहालय में अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया गया। इस वर्ष संग्रहालय दिवस का विषय संग्रहालय, स्थिरता और कल्याण था। संग्रहालय दिवस (museum day) का उद्देश्य इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि संग्रहालय सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन हैं।

इन उद्देश्यों के आधार पर, कांगड़ा के विभिन्न स्कूलों के छात्रों को कांगड़ा दुर्ग में 18 मई, 2023 को आमंत्रित किया गया था। छात्रों ने सक्रिय रूप से भाग भी लिया। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला पुराना कांगड़ा, जीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कांगड़ा और महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल कांगड़ा के विद्यार्थियों ने मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी। छात्रों ने चित्रकला प्रतियोगिता में भाग लिया। इसके अलावा, एएसआई कर्मचारियों द्वारा संग्रहालय का एक निर्देशित दौरा भी आयोजित किया गया था।

ट्रेजर हंट प्रतियोगिता इस आयोजन के दौरान एक नया उत्साह लेकर के आया। विभिन्न स्कूलों के छात्रों ने विभिन्न समूहों में सहयोग किया, और एक टीम के रूप में काम किया। इसने पारस्परिक सहयोग, विश्वास और शांति के उद्देश्य को सक्षम किया। पेंटिंग प्रतियोगिता में जीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कांगड़ा की प्लस टू की छात्रा रीतिका ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया। पेंटिंग प्रतियोगिता (painting competition) में महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल कांगड़ा के छठी कक्षा के छात्र कन्हैया को दूसरा और महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल के कक्षा 6 के छात्र आर्यन और 7वीं कक्षा की छात्रा आराध्या ने संयुक्त रूप से तीसरा पुरस्कार हासिल किया।

यह भी पढ़ेंः हिमाचलः बैहना वार्ड के लोगों की सरकार को दो टूक, करेंगे लोकसभा चुनावों का बहिष्कार

 

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पुराना कांगड़ा के विद्यार्थियों ने हिमाचली लोकनृत्य झमाकड़ा प्रस्तुत किया। महर्षि विद्या मंदिर पब्लिक स्कूल कांगड़ा के छात्रों ने पंजाबी बोलियां प्रस्तुत की और जीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल कांगड़ा के छात्रों ने हरियाणवी लोक नृत्य प्रस्तुत किया। दुर्ग में अफरा तफरी तब मच गयी जब ट्रेज़र हंट में भाग लेने विद्यार्थी इधर उधर ख़ज़ाने का क्लू ढूंढ़ने लगे। इसमें अदभुत टीम ने सभी सात क्लू ढूंढ के ट्रेज़र हंट प्रतियोगिता में जीत दर्ज की।

मुख्य अतिथि के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता, जोरिम चिल्ड्रन होम, काछियारी के संस्थापक और निदेशक कैप्टन शशिकांत बहल ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित किया और सभी प्रतिभागियों को बधाई दी। अपने भाषण में उन्होंने जोरिम चिल्ड्रन होम के बारे में भी बात की, जो अनाथ बच्चों का घर है। जोरिम चिल्ड्रन होम द्वारा 200 से अधिक बच्चे लाभान्वित हुए हैं।

डॉ. विजय कुमार बोध, सहायक पुरातत्वविद् और प्रभारी संग्रहालय ने अपने भाषण में इस बात पर जोर दिया कि संग्रहालयों के विषय को स्थिरता और कल्याण के साधन के रूप में साकार करने के लिए यह सर्वाेत्कृष्ट है कि हम पुरातत्व संग्रहालय, के माध्यम से गरीब, तिरस्कृत और बेसहारा बच्चों के लिए एक न्यायसंगत समाज के लिए लड़ने वालों को परस्पर समर्थन करें। केवल तभी, हमारा समाज एक कल्याणकारी राज्य की धारणा को सही ठहराएगा, जिसमें कल्याण, स्थिरता को दैनिक रूप से प्राथमिकता दी जाए।

कैप्टन शशिकांत बहल जैसे जिम्मेदार नागरिक हमारे समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और मैं हाथ जोड़कर, सभी की ओर से, धन्यवाद कहना चाहूंगा – कि जहां दया भाव की सबसे अधिक आवश्यकता है, वहां आपने दयालुता का विस्तार किया। समारोह का समापन धन्यवाद प्रस्ताव और दोपहर के भोजन के साथ हुआ।

ब्यूरो रिपोर्ट कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश की ताजातरीन खबरें देखने के लिए उज्जवल हिमाचल के फेसबुक पेज को फॉलो करें।