हिमाचलः विश्व का एकमात्र शिवलिंग जो दो भागों में बंटा

हिमाचलः विश्व का एकमात्र शिवलिंग जो दो भागों में बंटा

उज्जवल हिमाचल। नूरपुर
हिमाचल प्रदेश का काठगढ़ महादेव का मंदिर जिला कांगड़ा के इंदौरा उपमंडल से 7 किलोमीटर दूर स्थित है। इस मंदिर में अर्धनारेश्वर शिवलिंग है और वह विश्व में एकमात्र अर्धनारेश्वर शिवलिंग है। यह शिवलिंग दो भागों में बटा है, एक भाग जो कि 7 से 8 फुट का है, वह शिव का प्रतीक है और दूसरा भाग 5 से 6 फुट का है जो कि माता पार्वती का प्रतीक माना जाता है। किदवनतीयों की कथाओं से पता चलता है कि प्रभु श्री राम के भाई भरत जब भी अपने ननिहाल के कैकयी देश यानी कश्मीर जाते थे तो काठगढ़ अर्ध नागेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा किया करते थे।

ऐसा भी कहा जाता है यह शिवलिंग उनके इष्ट देव भी थे। सावन मास भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस माह सच्चे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा व ध्यान करने से जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही सुख समृद्धि, वैभव, धन और मोक्ष की प्राप्ति होती है। सावन में मलमास या अधिकमास की वजह से आठ सावन सोमवार का व्रत किया जाएगा।

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भक्तजन सावन में विशेष पूजा अर्चना के लिए पहुंचते हैं। इस साल सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को था। दूसरा सोमवार 25 जुलाई, तीसरा सोमवार पहली अगस्त, चौथा सोमवार आठ अगस्त को पड़ेगा। सावन मास की शिवरात्रि 26 जुलाई को है जो मनुष्य सावन के व्रत को श्रद्धा भाव से रखता है।

भगवान शिव उसकी हर मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस ऐतिहासिक मन्दिर में पंजाब, जम्मू कश्मीर व उत्तरी भारत के भक्तों की भीड़ अक्सर देखने को मिलती है। हिमाचल प्रदेश सरकार इस मन्दिर को टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए अभी तक कोई कदम जनहित में नहीं उठा सकी है। मन्दिर की कमेटी को प्रति साल करोड़ों रुपये की आमदनी होती है जिससे मन्दिर का सौंदर्यीकरण व अन्य खर्चों का समाधान किया जाता है।

संवाददाताः विनय महाजन

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