हिमाचलः अवैध शराब कारोबारियों के हौसेल बुलंद, SP आवास के सामने चल रही थी फैक्टरी, SIT ने किया फोड़ा भांडा

उज्जवल हिमाचल। हमीरपुर

हिमाचल प्रदेश में पुलिस अधीक्षक हमीरपुर डाॅ. आकृति शर्मा के सरकारी आवास से महज 800 मीटर की दूरी पर शराब की अवैध फैक्टरी चलती रही और जिला पुलिस को इसकी कानोंकान खबर तक नहीं हुई। जिला मंडी के सुंदरनगर में जहरीली शराब के सेवन से हुई सात लोगों की मौतों के तार हमीरपुर में बनने वाली मिलावटी शराब से जुड़े हैं। यहां एसआईटी के प्रमुख वीरेंद्र कालिया की टीम ने शुक्रवार को दबिश देकर जिला मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत देई का नौण के पन्याला गांव में प्रवीण पुत्र दिलेराम के बहुमंजिला भवन के भीतर चल रही शराब की फैक्टरी का भंडाफोड़ किया। एसआईटी ने मौके पर 518 शराब की पेटियां भी बरामद कीं।

यह फैक्टरी कांगड़ा के पंचरुखी के निवासी की है, जिसे पुलिस ने पालमपुर से गिरफ्तार कर लिया है। जांच टीम ने स्प्रिट, शराब की बॉटलिंग करने वाली मशीनें, होलोग्राम, कार्टन, शराब में अलकोहल की मात्रा जांचने वाले हाइड्रो मीटर, थर्मामीट, प्लास्टिक टंकियां, खाली बोतलें इत्यादि अन्य सामान कब्जे में लिया है। एसआईटी मौके पर पकड़ी गई शराब, शराब तैयार करने में प्रयोग होने वाले उपकरण को अपने साथ मंडी ले गई है। साथ ही भवन के मालिक प्रवीण और शराब बनाने वाले यूपी के रहने वाले दो कारीगर भी गिरफ्तार किए हैं।

इनकी पहचान पुष्पेंद्र पुत्र ऋषि पाल और सनी पुत्र अशोक कुमार निवासी, भवानीगढ़ी अलीगढ़ उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। बोहणी में एक शराब कारोबारी और कांग्रेस के जिला महासचिव नीरज ठाकुर के कॉमर्शियल कांप्लेक्स में दबिश देकर चार पेटी शराब पकड़ी है। एसआईटी अब पकड़ी गई शराब के सैंपल लेकर इसकी जुन्गा स्थित लैब में टेस्टिंग करवाएगी। लैब से से आने वाली रिपोर्ट से ही पता चल पाएगा कि जिन लोगों की शराब पीने से मौत हुई है, वह शराब और हमीरपुर में बनने वाली मिलावटी शराब दोनों एक ही हैं या अलग-अलग। साथ ही एसआईटी ने शराब कारोबारी नीरज ठाकुर को भी जांच में सहयोग करने और प्रदेश से बाहर नहीं जाने के निर्देश दिए हैं। नीरज से भी एसआईटी ने लंबी पूछताछ की है।