टांडा अस्पताल से हटाए गए सभी सुरक्षा कर्मी, स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

हिमाचल प्रदेश के दूसरे सबसे बड़े अस्पताल डाक्‍टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज एवं अस्पताल टांडा में शनिवार से सर्विसमैन कार्पोरेशन के सुरक्षा कर्मियों को हटा दिया गया है। सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी से हटाने के साथ ही अस्पताल में अव्यवस्था का आलम हो गया है। सुबह से ही लोग अस्पताल में पहुंच रहे हैं, लेकिन उन्हें संभालने व गाइड करने वाला कोई नहीं है।

यहां बता दें कि अस्पताल प्रशासन और सर्विसमैन कार्पोरेशन ने 16 अप्रैल से सुरक्षा कर्मियों को ड्यूटी पर न आने का फरमान जारी किया था, जिस कारण अस्पताल में यह अव्यवस्था का आलम मच गया है। टांडा में कार्यरत सुरक्षा कर्मियों पर एक बार फिर से कालेज प्रशासन और सुरक्षा कर्मी आपूर्ति करने वाली हिमाचल प्रदेश सर्विसमैन कार्पोरेशन के बीच भुगतान विवाद के चलते यह संकट आया है।

हिमपैस्को ने कालेज प्रशासन को नोटिस दिया था कि उनका भुगतान तुंरत किया जाए, अन्यथा वो अपना सुरक्षा कर्मी आपूर्ति का टेंडर खत्म कर देंगे। इसके बाद हिमप्रैस्को की ओर से कालेज में एक आम नोटिस निकालकर 16 अप्रैल से सुरक्षा कर्मियों को काम पर न आने का तानाशाही पूर्ण फरमान जारी कर दिया था।

सुरक्षा कर्मियों की यूनियन टांडा मेडिकल कालेज सुरक्षा कर्मचारी यूनियन प्रधान विवेक राणा व सचिव सुनील ने हिमपैस्को व कालेज प्रशासन पर सुरक्षा कर्मियों का शोषण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि जब से सुरक्षा कर्मियों ने यूनियन का गठन किया है, तब से कालेज प्रशासन व हिमपैस्को लगातार ऐसी हरकतें कर रहे हैं। जिससे सुरक्षा कर्मियों को काम से हटाया जा सके। यूनियन नेताओं ने कहा कि हिमपैस्को एक सरकारी कार्पोरेशन है, लेकिन श्रम कानूनों के तहत कर्मचारियों को आज तक नियुक्ति पत्र भी नहीं दिया गया।

वहीं, टांडा असपताल के एमएस का कहना है यह अस्‍पताल प्रशासन का नहीं, बल्‍क‍ि प्रदेश सरकार का निर्णय है।