हिमाचल में एक साथ होंगे तीन उपचुनाव, करना होगा थोड़ा इंतजार

मंडी संसदीय सीट के साथ फतेहपुर और जुब्बल-कोटखाई विस सीट पर होना है उपचुनाव

सुमिता भंडारी। शिमला

हिमाचल में तीन उपचुनाव तय है, लेकिन इसके लिए अभी इंतजार करना होगा। कारण यह है कि देश में कोरोना महामारी कम होने की स्थिति में ही निर्वाचन आयोग प्रदेश व अन्य राज्यों के साथ शेड्यूल तय करेगा। इसी साल फरवरी महीने में फतेहपुर से कांग्रेस विधायक सुजान सिंह पठानिया और मार्च में सांसद राम स्वरूप शर्मा का निधन हुआ था। अब जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक एवं मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा का निधन हुआ। ऐसे में अब तीन उपचुनाव तय हो गए हैं। चुनाव आयोग के नियमों के मुताबिक किसी विधायक या सांसद के निधन होने के छह महीने के भीतर पद को भरने के लिए उपचुनाव करवाए जाते हैं, मगर इस बार कोरोना के अधिक केस को देखते हुए आयोग भी जल्दी रिस्क नहीं लेगा। सुजान सिंह पठानिया के निधन हुए चौथा महीना हो चुका है, जबकि सांसद राम स्वरुप के निधन हुए तीन महीने बीत चुके हैं। पिछले कुछ महीने से दो उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा के नेताओं में लॉबिंग भी शुरू हो चुकी थी। अब मुख्य सचेतक नरेंद्र सिंह बरागटा के निधन के बाद कई नेताओं की निगाहें उपचुनाव पर टिकी हुई हैं।

चेतन बरागटा संभाल सकते हैं राजनीतिक विरासत

मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के निधन के बाद अब उनके बेटे चेतन बरागटा को राजनीतिक विरासत सौंपने की तैयारी है। हालांकि आज ही नरेंद्र बरागटा का अंतिम संस्कार हुआ, लेकिन आने वाले दिनों में भाजपा चेतन बरागटा को उप चुनाव के मैदान में उतार सकती है। कारण यह भी है कि चेतन बरागटा भाजपा आईटी सैल में पदाधिकारी भी हैं। वहीं कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रोहित ठाकुर ही उपचुनाव में उतर सकते हैं। उधर फतेहपुर विधानसभा क्षेत्र पर गौर करें तो वहां पर पूर्व विधायक सुजान सिंह पठानिया के बेटे भवानी पठानिया और भाजपा से कृपाल परमार उपचुनाव लड़ सकते हैं।

मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए हर कोई लाइन में

मंडी संसदीय उपचुनाव के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों के हर कोई नेता लाइन में हैं। भाजपा से ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर और पूर्व विधायक महेश्वर सिंह। कांग्रेस से पूर्व उम्मीदवार आश्रय शर्मा और सतप्रकाश ठाकुर के नामों पर चर्चाएं चल रही हैं। फिलहाल जब तक चुनाव आयोग से उप चुनाव की घोषणा नहीं होती, तब तक राजनीति पार्टियों में भीतर टिकट की लड़ाई चलती रहेगी।