उज्जवल हिमाचल। ज्वाली
विधानसभा क्षेत्र ज्वाली के अधीन ग्राम पंचायत समकेहड़, झोंका, रतियाल व पपाहन के सैंकड़ों लोगों ने एकजुट होकर पंचायत प्रधानों व वन्य प्राणी विभाग के गार्डों को साथ लेकर सिद्धाथा एरिया में वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर हजारों भैंसों को साथ लेकर रह रहे प्रवासी गुज्जरों को बाहर निकालने का अभियान चलाया लेकिन बार-बार फोन करने के बाद पुलिस सहयोग करने नहीं आई।
जवाली पुलिस को स्थानीय लोगों ने सहायता के लिए बार-बार फोन किया लेकिन पुलिस मौका पर नहीं आई। आखिरकार एसपी नूरपुर अशोक रत्न को फोन करके इसकी सूचना दी गई। इसके बाद जवाली पुलिस मौका पर पहुंची तथा इस अभियान में सहयोग दिया। ग्राम पंचायत झोंका रतियाल के प्रधान लेख राज, समकेहड़ पंचायत प्रधान आशा देवी, पपाहन पंचायत प्रधान नीतीश कुमार, संजय राणा सहित गांववासियों ने एकत्रित होकर सिद्धाथा क्षेत्र के वन्य प्राणी विभाग एरिया में मवेशियों सहित रह रहे गुज्जरों को बाहर निकालने का कार्य शुरू किया जिसमें वन्य प्राणी विभाग के गार्ड भी साथ रहे।
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मौका पर करीबन 100 प्रवासी गुज्जर अपनी करीब 2000 भैंसों के साथ डेरा जमाए हुए हैं। सवाल उठता है कि क्या पुलिस के पास इन सभी का पंजीकरण है या नहीं। प्रवासी गुज्जरों व स्थानीय लोगों के बीच काफी बहसबाजी भी हुई। प्रवासी गुज्जरों ने स्थानीय लोगों के साथ काफी बदतमीजी की तथा मारपीट करने तक उतारू हो गए।
काफी जद्दोजहद के बाद प्रवासी गुज्जर वन्य प्राणी विभाग के एरिया से बाहर तो निकल गए लेकिन स्थानीय व्यक्ति से किराया पर ली गई जमीन में जाकर मवेशियों सहित डेरा लगाकर बैठ गए तथा वहां से बाहर न निकलने को अड़ गए लेकिन प्रवासी गुज्जरों के मवेशी साथ लगती लोगों की मलकीयती जमीनों में घुस गए तथा फसलों को नुकसान पहुंचाया।
स्थानीय लोगों ने सारी भैंसों को खदेड़ कर किराया पर ली गई जमीन के अंदर बन्द कर दिया। बड़ी जद्दोजहद के बाद शाम को प्रवासी गुज्जरों को वापिस उनके राज्यों को भेजा गया। पंचायत प्रधानों सहित लोगों ने प्रवासी गुज्जरों को मवेशियों सहित सिद्धाथा क्षेत्र से बाहर निकाल दिया तथा जिससे सिद्धाथा क्षेत्र के लोगों ने राहत की सांस ली।