मनाली में नहीं खोले जाएंगे होटल

मनीष ठाकुर। कुल्लू

प्रदेश सरकार ने पर्यटन के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं। लेकिन कुल्लू जिला के पर्यटन कारोबारी इसके पक्ष में नहीं है। कोरोना के खतरे को भांपते हुए कुल्लू जिले के होटलियर्स ने अभी होटलों को बंद ही रखने का फैसला लिया है । सभी ने एक मत में कहा कि इन दिनों कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है। ऐसे में होटल खोलना सुरक्षित नहीं है।

कुल्लू जिला के सभी होटलियर्स एसोसिएशन ने उपायुक्त कुल्लू डॉ. ऋचा वर्मा के साथ बैठक की। इस दौरान कुल्लू, मनाली, बंजार, मणिकर्ण, और प्रदेश की फोरा एसोसिएशन ने भाग लिया। बैठक में सभी एसोसिएशन के सदस्यों ने एक मत में कहा कि अभी होटल खोलने का समय नहीं है। जब प्रदेश में कोरोना के मामलों का ग्राफ कम था तब होटलों को बंद कर दिया। अब जब ग्राफ बढ़ रहा है तो ऐसे में होटल खोलने का निर्णय उचित नहीं है। सभी ने कहा कि अगर सरकार जिम्मेदारी लें कि होटल खोलने के बाद कोई भी मामला सामने आता है तो इस पर कार्रवाई नहीं होगी। एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने कहा की यदि कोई मामला सामने आता है तो हमारे होटलों को सील नहीं किया जाए। इन शर्तों पर होटल खोल सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा दोहरी नीति क्यों अपनाई जा रही है। इसमें जब पर्यटक आएंगे तो उन्हें क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा, जबकि आम लोगों को बाहर से आए हुए लोगों को संस्थागत क्वारंटाइन किया जाता है।

वहीं पर्यटन कारोबार से जुड़े होटल व्यवसायी रितेश सूद का कहना है कि प्रदेश में होटल खोलने से पहले सभी पर्यटन कारोबारियों को ट्रेनिंग देनी चाहिए साथ ही पंचायतों को भी कॉन्फिडेंस में लेना चाहिए क्योंकि अधिकतर होटल ग्रामीण क्षेत्रों में है और कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए जागरूकता अभियान भी आयोजित करने चाहिए

वहीं पर्यटन कारोबारी बुद्धि सिंह का कहना है कि अभी होटल खोलने में जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए उन्होंने पहले भी सरकार से 15 अगस्त तक होटल ना खोलने के बारे में कहा था लेकिन अब होटल खोलने का जो आदेश पारित किया गया है कहीं ना कहीं जल्दबाजी भरा निर्णय है उन्होंने सरकार से आग्रह किया है कि एक बार फिर से निर्णय करें क्योंकि होटल खोलने के लिए उन्हें समय की भी आवश्यकता है और साथ ही बिना स्टाफ के होटल खोलना भी काफी मुश्किल है

गौर रहे कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने केंद्र के आदेशों के बाद पर्यटकों के लिए हिमाचल के दरवाज़े खोल दिए है और पर्यटकों को सशर्त हिमाचल आने की मंजूरी दी है जिसके बाद से ही इस फैसले का लगातार विरोध हो रहा है