जिला के जतिन पंडित सेना की 11 मद्रास कार्पस ऑफ इंजीनियरिंग रेजिमेंट में बने लेफ्टिनेंट

उमेश भारद्वाज। मंडी

‘हार तो क्षणिक है हौसला निरंतर रहना चाहिए, ठोकर लगकर गिर भी जाए फिर भी उठकर आगे बढ़ते रहना चाहिए।’ इस बात को मंडी जिला के सुंदरनगर के जतिन पंडित ने चरितार्थ कर दिया है। वर्ष 2015 में अपनी एनडीए ट्रेनिंग में घुड़सवारी के दौरान हुई एक दुर्घटना में चोटग्रस्त होने के कारण अपने लक्ष्य को पूरा न पाने के बावजूद जतिन ने और मेहनत कर 2021 में भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट बन सपने को पूरा कर दिखाया है। मात्र 26 वर्ष की आयु में जतिन पंडित ने भारतीय सेना की टेक्निकल विंग में लेफ्टिनेंट बनकर अपने परिवार सहित जिला का नाम रोशन कर दिखाया है। लेफ्टिनेंट जतिन पंडित ने हाल ही में जवाहरलाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज सुंदरनगर से बतौर सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी है।

  • गिरे, उठे और हासिल कर ली मंजिल
  • ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई में आयोजित पासिंग आउट परेड में हासिल की उपलब्धि
  • अब पंजाब के भटिंडा में देगें अपनी सेवाएं

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भारतीय सेना के टेक्निकल ग्रेड एंट्री परीक्षा में शानदार प्रदर्शन कर बेंगलुरु में एसएसबी परीक्षा को पास किया था। इसके बाद जतिन ने जनवरी 2021 को अपनी ट्रेनिंग को शुरू किया था। अब जतिन ऑफिसर ट्रेनिंग अकादमी चेन्नई में आयोजित पासिंग आउट परेड के बाद बतौर लेफ्टिनेंट भारतीय सेना की 11 मद्रास कार्पस ऑफ इंजीनियरिंग रेजीमेंट में अपनी सेवाएं देश को देने जा रहे हैं। जतिन पंडित पासिंग आउट परेड के बाद 2 सप्ताह अपने रेजिमेंट के मुख्यालय बेंगलुरु में बिताने के उपरांत पंजाब के भटिंडा में सेवा देना शुरू करेंगे।

पासिंग आउट परेड के इस गरिमा पूर्ण माहौल को और अधिक यादगार बनाने वाले इस पल में उनके पिता आयुष विभाग से सेवानिवृत्त बीएमओ डॉ. हेम प्रकाश शर्मा, सेवानिवृत्त अध्यापिका माता प्रोमिला शर्मा और भाई सहायक प्रोफेसर डॉ.आशीष शर्मा और भाभी रिचा शर्मा के साथ नन्ही भतीजी अनाया शर्मा भी मौजूद रही। वहीं, जतिन पंडित की इस उपलब्धि से संपूर्ण प्रदेश सहित मंडी जिला गौरवान्वित हुआ है।चोटिल होने पर छोड़नी पड़ी ट्रेनिंग, फिर भी नहीं टूटा हौंसला
जतिन पंडित ने वर्ष 2013 में अपनी जमा दो परीक्षा उत्तीर्ण करने के पहले ही बिना किसी कोचिंग से एनडीए की परीक्षा को उत्तीर्ण कर लिया था। इसके उपरांत जतिन बतौर फ्लाइंग ऑफिसर के लिए ट्रेनिंग के दौरान नेशनल डिफेंस अकादमी खड़कवासला पुणे महाराष्ट्र में लगभग दो वर्ष की ट्रेनिंग में घुड़सवारी के दौरान चोटिल हो गए थे। वहीं, 6-7 माह उपचाराधीन रहने के बाद गंभीर चोट लगने के कारण ट्रेनिंग को बीच में ही छोड़ उन्हें घर वापस आना पड़ा। अपने लक्ष्य को पूरा न कर पाने से हतोत्साहित हुए बगैर जतिन पंडित ने अपने घर सुंदरनगर वापस आने के बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर भारतीय सेना में जाने के अपने लक्ष्य को पूरा कर दिखाया है।