सर्दी से बचने को कमरे में जलाई थी अंगीठी, मौत की नींद सोया परिवार

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

बंद कमरे में अंगीठी जलाकर सोना एक परिवार के लिए जानलेवा साबित हुआ है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद में सर्दी से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई। मौत का कारण दम घुटना बताया जा रहा है। पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर मामले की जांच शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार, फरीदाबाद के थाना सेक्टर-58 क्षेत्र के ओम एंक्लेव की राजीव कॉलोनी में मंगलवार रात सर्दी से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सो रहे एक ही परिवार के तीन लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में पति-पत्नी और 2 साल का मासूम बच्चा शामिल हैं। घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची सेक्टर-58 थाना पुलिस ने तीनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए बीके अस्पताल भेज दिया है। घटना और मृतकों के बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी है। पुलिस घटनास्थल की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस का कहना है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति साफ हो सकेगी।

बंद करने में अंगीठी जलाकर कभी न सोएं

कड़ाके की सर्दियां शुरू हो चुकी हैं। ऐसे में लोग ठंड से बचने के लिए तरह-तरह के उपाय करेंगे। कमरों को गर्म रखने के लिए, अलाव, अंगीठी और हीटर जैसे उपकरण जलाए जाएंगे, लेकिन कमरों को गर्म रखने के लिए ये उपाय आपके लिए जानलेवा भी हो सकते हैं। अगर आप भी ऐसा करते हैं तो सावधान रहें। अंगीठी में इस्तेमाल होने वाले कोयले या लकड़ी के जलने से कॉर्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई जहरीली गैसें निकलती हैं, जो जानलेवा साबित हो सकती हैं। अंगीठी ही नहीं, इस तरह का खतरा रूम हीटर से भी हो सकता है।

हीटर या अंगीठी से कम हो जाता है कमरे में ऑक्सीजन लेवल

कोयला या अलाव जलाने से कार्बन मोनोऑक्साइड के अलावा कई प्रकार की जहरीली गैसें निकलती हैं। कोयला बंद कमरे में जल रहा हो, तो इससे पर्यावरण में कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है और ऑक्सीजन का लेवल घट जाता है। यह कार्बन, दिमाग पर सीधे असर डालता है और सांसों के जरिये शरीर के अंदर भी पहुंचता है। दिमाग पर असर होने से कमरे में सोया कोई भी इंसान बेहोश हो सकता है। ब्लड में यह कार्बन घुलकर धीरे-धीरे ऑक्सीजन को कम कर देता है। बंद कमरे में लंबे समय तक ब्लोअर या हीटर जलाने से कमरे का तापमान बढ़ जाता है और नमी का लेवल कम हो जाता है। इस वजह से नॉर्मल लोगों को भी सांस संबंधी समस्या हो सकती है। अगर आप हीटर का प्रयोग करते हैं, तो कमरे में एक बाल्टी पानी रखें, जिससे कुछ हद तक नमी बनी रहे।

इन बातों का रखें खास ध्यान

  • घर में वेंटिलेशन हो तभी अलाव, हीटर या ब्लोअर चलाएं।
  • अलाव जलाकर उसके पास न सोएं।
  • साथ में पानी से भरी बाल्टी जरूर रखें।
  • आग जलाएं तो जमीन पर सोने से बचें।
  • घर में अगर कोई बच्चा हो, तो आग न जलाएं तो ज्यादा बेहतर है।
  • यदि रात में हीटर, ब्लोअर या अंगीठी का इस्तेमाल करते हैं, तो इनके करीब प्लास्टिक, कपड़े, केमिकल्स न रखें।
  • ढीले प्लग, कटे तार से भी हादसा हो सकता है।

ये सावधानियां बरतें

हीटर, ब्लोअर या अंगीठी जलाते समय कमरे को पूरी तरह से बंद नहीं करना चाहिए। गर्मी से धीरे-धीरे कमरे का ऑक्सीजन खत्म हो जाता है और कार्बन मोनोऑक्साइड ज्यादा होने लगता है। यह जहरीली गैस सांस के जरिए फेफड़ों तक पहुंच कर खून में मिल जाती है। इस वजह से खून में हीमोग्लोबिन का लेवल घट जाता है और बेहोशी छाने लगती है और इंसान की मौत हो जाती है। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं, क्योंकि ज्यादा लोग होने से कमरे में ऑक्सीजन की और कमी हो जाती है।