जवाली में किन्नर समुदाय की मनमानी से गरीब जनता झेल रही परेशानी: साधू राणा

चैन गुलेरिया। जवाली

अभी तक सरकार व प्रशासन किन्नरों प्रति कोई कानून बनाने में असफल रहा है और इनकी विफलता के चलते आम गरीब जनता पिसती जा रही है । कोई सुनने वाला नहीं है । यह शब्द पूर्व बीड़ीसी एवं उपप्रधान ग्राम पंचायत डोल साधु राणा ने प्रेस वार्ता में कहे । उन्होंने कहा कि हालांकि कई पंचायतों ने प्रशासन को प्रस्ताव भी दिए हैं। लेकिन, प्रशासन के सुस्त रवैए कारण गरीब जनता की आर्थिक स्तिथि बिगड़ती हुई नजर आ रही है। इस बारे पंचायतों का ही दायित्व बनता है कि अपने स्तर पर ही किन्नरों के लिए देने वाली बधाई तय करें और इस राशि को पंचायत घर में ही पंजीकरण के समय जमा किया जाए । इलाके का संबंधित किन्नर पंचायत घर में आकर अपनी बधाई लें जिससे गरीब जनता को राहत मिलेगी।

राणा ने गरीब लोगों की भलाई को देखते हुए हिमाचल सरकार से आग्रह किया है कि किन्नर समुदाय के प्रति कोई कठोर नियम बनाए या फिर लोगों द्वारा अपनी स्तिथि मुताबिक जो बधाई किन्नर को दी जाती है उसे स्वीकार किया जाए या कोई कानूनी कारवाई अमल में लाई जाए। क्योंकि, किन्नरों को भी आम जनता की तरह पढ़ने लिखने का अधिकार है, नौकरी पाने का भी अधिकार है। यहां तक मेहनत मजदूरी भी कर सकते है। तो अब सवाल उठता है कि समाज के बीच जाकर गरीब लोगों की बेइज्जती व उन्हें प्रताड़ित करने का अधिकार किसने दिया ??.. यह प्रशासन के लिए गंभीर मामला है। क्योंकि एक तो कोरोना जैसी भयानक बीमारी ने लगातार दो सालों से लोगों की कमर तोड़ दी है और ऊपर से मंहगाई इतनी है कि गरीब जनता को डिपो का राशन खरीदने के लाले पड़े हुए हैं।

बुद्धिजीवी वर्ग ने गरीब जनता की भलाई के लिए किन्नरों के इस तानाशाही रवैए की घोर निन्दा की है और धीरे धीरे इस समुदाय के प्रति लोगों के मन में नफरत की भावना उत्पन्न होना शुरू हो गई है और आने वाले वक्त लोग तंग होकर इन्हें गांव में भी नहीं घुसने देंगे।

साधू राम राणा ने सरकार से जोरदार मांग की है कि सभी उपमंडल अधिकारियों को आदेश पारित करे कि सभी पंचायतों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करके किन्नरों प्रति कोई रूपरेखा बनाई जाए ताकि गरीब जनता को राहत मिल सके।