गुप्त नवरात्रों में मां ज्वाला देवी के मंदिर में लगे जयकारेंं

पंकज शर्मा। नादौन

श्रावण महीने की आज ज्वालामुखी में बारिश से हुई, ठंडी ठंडी फुहारों में भक्तों ने ज्वाला माता व शिव भोले के दर्शन किये।इस दौरान सभी श्रद्धालु भक्त भोले नाथ व माता ज्वाला से प्रार्थना कर रहे हैं, कि शिव व माता ज्वाला पूरे विश्व मे महामारी कोरोना का सर्वनाश करें। श्रावण मास के पहले दिन आज शिव मन्दिर में भक्तों नेदूध, जल, बेल, धुतरा व बेल पत्रों से शिव की श्रद्धालुओं ने पूजा की। श्रावण मास के पहले दिन ज्वालाजी में स्थित सभी शिवालय भोले के जयकारों से गूंजे। मंदिर में सुबह से ही सोशल डिस्टनेंस में श्रद्धालुओं ने दर्शन किये।

आजकल ज्वालाजी शक्तिपीठ में भी गुप्त नवरात्र लगे हुए हैं, एयर एक तरफ सावन मास की संक्रांति से श्रद्धालु दर्शनों को पहुँच रहे हैं। इस मौके पर ज्वालाजी के साथ लगते अष्टभुजा मन्दिर, शनि देव मन्दिर स्थित शिवालय, हनुमान गली में स्थित शिवालय सहित अन्य मंदिर में श्रद्धालुओं ने पूजा अर्चना में भाग लिया। भोले के भक्तों ने दूध, जल, बेल, धुतरा व बेल पत्रों से शिव की पूजा आराधना की। इस बीच भक्तों ने भोले के नाम का ब्रत भी रखा। साथ ही भक्तों की सहूलियत के हिसाब से यहां इंतजाम किए हुए थे।

पुजारी अविनेद्र शर्मा ने वताया की श्रावण मास शिव भोले शंकर का मास है। इस मास में रुद्रिका पाठ, शिव तांडव पाठ आदि से शिव की उपासना करनी चाहिए। इस मास में शिवजी को बिल्व पत्र चढाने से सभी कष्ट दूर होते है। शिव की मूर्ति के सामने ओम नमो शिवाय का जाप करना चाहिए। जबकि शिव लिंग के पास ओम का जाप का विशेष महत्व है। श्रावण मास में सोमवार के उपवास करने से सभी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। हम सब इस सावन महीने में भगवान भोले नाथ ने यह प्रार्थना करते है विश्व से महामारी का सर्वनाश हो और अपने सभी भक्तों की रक्षा हो।