दो में एक भारतीय-अमेरिकी नस्‍लीय भेदभाव का शिकार

क सर्वे के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले हर दो में से एक भारतीय-अमेरिकी भेदभाव से पीड़‍ित है। यानी अमेरिका में भी भारतीय-अमेरिकी समुदाय को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। बता दें कि भारतीय अमेरिक‍ियों की संख्‍या अमेरिका की कुल आबादी के एक फीसद से कुछ अधिक है।

उज्जवल हिमाचल। डेस्क

एक सर्वे के मुताबिक अमेरिका में रहने वाले हर दो में से एक भारतीय-अमेरिकी भेदभाव से पीड़‍ित है। यानी अमेरिका में भी भारतीय-अमेरिकी समुदाय को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। बता दें कि भारतीय अमेरिक‍ियों की संख्‍या अमेरिका की कुल आबादी के एक फीसद से कुछ अधिक है। अमेरिका में सभी पंजीकृत मतदाताओं में एक फीसद से भी कम है। हालांकि, विदेशों में रहने वाले भारतीयों के लिए अमेरिका सर्वाधिक पसंदीदा जगह है। अमेरिका में करीब 40 लाख की बड़ी संख्‍या अमेरिका में रहती है।

भारतीय-अमेरिकी अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े अप्रवासी समूह
इस सर्वेक्षण के मुताबिक भारतीय-अमेरिकी जो कि अमेरिका में दूसरे सबसे बड़े अप्रवासी समूह के रूप में हैं, नियमित रूप से भेदभाव का सामना करते हैं। यह सर्वेक्षण के मुताबिक हर दो में से एक भारतीय-अमेरिकी भेदभाव से पीड़‍ित है। इसके मुताबिक पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पिछले साल हर दो में से एक भारतीय अमेरिकी को भेदभाव झेलना पड़ा और नस्‍लीय आधार पर सबसे ज्‍यादा पक्षपात देखा गया । यह रिपोर्ट भारतीय अमेरिक‍ियों की सामाजिक वास्‍तविकता-2020 भारतीय अमेरिकी दृष्टिकोण सर्वेक्षण पर आधारित है। यह सर्वेक्षण जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिल्वेनिया और कार्नेगी एंडोमेंट ने एक पोलिंग ग्रुप के साथ किया गया है।

त्वचा के रंग, लिंग या धर्म के आधार पर होता है भेदभाव
सर्वेक्षण के मुताबिक 30 फीसद लोगों को यह लगता है कि त्वचा के रंग की वजह से भेदभाव किया जाता है। 18 फीसद लोगों का कहना है कि लिंग या धर्म के आधार पर भेदभाव होता है। 31 फीसद लोगों को लगता है कि भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ भेदभाव एक बड़ी समस्या है। 53 फीसद इसे एक छोटी समस्या के रूप में देखते हैं और 17 फीसद इसे समस्या नहीं मानते हैं। 73 फीसद लोगों का मानना है कि एशियाई-अमेरिकी समुदाय के लोग जो भारतीय मूल के नहीं हैं, उन्हें भारतीय-अमेरिकी लोगों से ज्यादा भेदभाव झेलना पड़ता है। 90 फीसद लैटिन अमेरिकन और 86 फीसद अफ्रीकन-अमेरिकी लोगों को भेदभाव का ज्यादा बड़ा शिकार मानते हैं।

अश्‍वेत जॉर्ज फ्लायड की मृत्यु के बाद भेदभाव के खिलाफ अभियान
गत वर्ष अमेरिका में अश्‍वेत जॉर्ज फ्लायड की मृत्यु के बाद बड़े स्तर पर भेदभाव के खिलाफ अभियान चलाए जा रहे हैं। सड़कों पर बड़ी बड़ी रैलियां आयोजित की जा रही हैं। रैलियों के दौरान कई बार प्रदर्शनकारी और पुलिस के बीच काफी टकराव भी देखने को मिलता है। कई बार पुलिस लाठीचार्ज भी करती है, लेकिन फिर भी अमेरिका में भेदभाव एक बड़ी समस्या है। इतना ही नहीं नस्‍लीय भेदभाव अमेरिकी राष्‍ट्रपति चुनाव में एक बड़ा मुद्दा भी बना। पूर्व राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप पर नस्‍लीय हिंसा को भड़काने का आरोप भी लगा।