खत्म हुआ इंतजार, 10 को खुलेगा ज्वालामुखी का दरबार

पंकज शर्मा। ज्वालामुखी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने कुछ शर्तों के साथ पांच महीने बाद धार्मिक स्थलों के कपाट खोलने की इजाजत दे दी है। 10 सितंबर से श्रद्धालुओं के लिए प्रदेश के पांचों शक्तिपीठ और दूसरे धार्मिक स्थल खोल दिए जाएंगे। इसी के चलते जिला कांगड़ा के विश्व विख्यात शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर को भी खोलने की तैयारी पूरी हो गई है। एसडीएम अंकुश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि एसओपी जारी ही चुकी है और 10 सितंबर को पूरी एहतियात के साथ मंदिर खोल दिया जाएगा। भाषा एवं संस्कृति द्वारा जारी एसओपी के मुताबिक 65 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और 10 वर्ष से छोटे बच्चों को मंदिरों में प्रवेश करने की इजाजत नहीं दी गई है।

ज्वालामुखी मन्दिर खोलने से पहले सेनेटाइज किया जाएगा। श्रद्धालु, पुजारी, दुकानदार और प्रबंधक कई महीनों से ज्वालामुखी मंदिर खुलने का इंतजार कर रहे थे। ऐसे में प्रदेश सरकार के इस फैसले से सभी राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि कोरोना महामारी के इस दौर में श्रद्धालुओं के लिए ज्वालामुखी मंदिर में प्रवेश करना इतना आसान भी नहीं होगा। मंदिर में प्रवेश करने वाले श्रद्धालुओं को कड़ाई से शर्तों का पालन करना होगा। प्रवेश करने से पहले श्रद्धालु अपने जूते, अपनी गाड़ी में ही छोड़कर पैदल मंदिर की तरफ बढ़ेंगे।मंदिर द्वार पर उनकी थर्मल स्कैनिंग की जाएगी।

श्रद्धालुओं को मंदिर के द्वार, दरवाजे, दीवारें, ज्योतियां व मूर्तियां आदि छूने की इजाजत नहीं होगी। मंदिरों की घंटी बजाने पर भी पाबंदी रहेगी। अगले आदेश तक सभी घंटियों को एक कपड़े से बांधा जाएगा। मंदिर में होने वाले आयोजन भजन-कीर्तन, हवन, मुंडन संस्कार आदि पर भी प्रतिबंध रहेगा। मंदिर में प्रवेश करने और बाहर निकलने का रास्ता अलग-अलग होगा। श्रद्धालुओं से कहा गया है कि वह लगातार मंदिर ना जाएं और सिर्फ खास आयोजनों पर ही दर्शन के लिए घर से निकलें।