कागड़ा एयरपोर्ट का विस्तार कितना जायज

कांगड़ा में एयरपोर्ट विस्तार का लगातार विरोध हो रहा है। प्रदेश सरकार इसका दायरा बढ़ाने पर जोर दे रही है, जबकि स्थानीय लोग विस्थापन और कृषिविहीन होने के डर से मुखर हैं। लेकिन सवाल यह है कि अगर विस्तार हुआ तो किस तरह का फायदा होगा और विरोध से कौन से विकास पर ग्रहण लग जाएगा। गगल में मौजूदा समय में सैकड़ों छोटी-बड़ी दुकानें है जिससे लोगोंं का गुजर-बसर चल रहा है। हालांकि ग्रामीण कस्बा होने चलते यहा पर हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि है और लोग उस पर निर्भर हैं। पर्यटन की दृष्टि से अगर देखा जाए तो यहां धर्मशाला आने वाले लोगों के लिए हवाई यात्रा एक सुगम साधन है, लेकिन उन्हें भागसूनाग, नड्डी, त्रियूंड व एचपीसीए स्टेडियम तक पहुंचने के लिए 12 किलोमीटर का सडक़ का सफर तय करना पड़ता है। बाकि यहां यहां कोई बड़ा उद्योग नहीं है जिसके लिए बड़े एयरपोर्ट की आवश्यकता हो। वहीं अगर सामरिक दृष्टि से देखा जाए तो यहां हवाई पट्टी को बढ़ाना जरूरी होगा। लड़ाकू विमानों को टेक आफ और लैंडिंग के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। भविष्य में अगर युद्ध जैसे हालात बने तो सीमा से सटे होने के कारण यह हवाई पट्टी अहम होगी। इसलिए केंद्र और प्रदेश सरकार को ऐसे विकल्पों पर ध्यान देना होगा कि जिससे लोगों का विस्थापन भी न हो और हवाई पट्टी के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध हो सके।