भारत में खराब सड़कों से हाेती हैं लाखों माैतें: राज कपूर

कार्तिक। बैजनाथ

डबल्यूएचओ की ग्लोबल सेफ्टी रिपोर्ट व इकनोमिक के अनुसार भारत में खराब सड़कों की हालत से लाखों माैतें होती हैं और सरकारें केवल मूक दर्शक बन के तमाशा देखने के आलावा उन सड़कों की सही देख-रेख व मरम्मत नहीं कर पा रही है। यह शब्द अधिवक्ता राज कपूर ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहे।

उन्होंने कहा कि इसका ताजा उदाहरण जिला कांगड़ा में सड़क में पड़े हुए गड्ढे की बजह से एक युवक की माैत हो गई और ऐसी कई दुर्घटनाएं हर दिन यहां हो रही हैं, लेकिन सरकार व प्रशासन सोया हुआ है और लोगों ने एक जागरूक नागरिक का परिचय देते हुए बैजनाथ से नगरोटा तक अपनी अपनी सामर्थ अनुसार सड़कों के गड्ढे भर दिए। उन्होंने कहा कि सड़क को जीवनदायनी भी कहा गया है, किंतु बहुत दुःख की बात है कि इन सड़कों के कारण रस्ते बसते परिवार उजड़ते हुए देखे गए हैं और सरकारों के कान में जूं तक नही रेंगती।

कानून में प्रावधान है की कोई बिना हेलमेट तो जुर्माना, नो पार्किंग में पार्किंग जुर्माना-नो एंट्री में वाहन जुर्माना, प्रदूषण सर्टिफिकेट नहीं तो जुर्माना, ट्रिपल सीट, प्लास्टिक का उपयोग जुर्माना, किंतु खराब सिग्नल कोई जिम्मेदार नहीं है। सड़क पर गड्ढे कोई जिम्मेदार नहीं है। सड़क पर कचरा बह रहा है, तो कोई जिम्मेदार नहीं है। सड़कों के गड्ढों में गिर कर चोटिल हो मर जाए, तो कोई जिम्मेदार नहीं, आवारा गाएं जानवर टकरा जाए लगता है कि जनता ही एकमात्र अपराधी है और जुर्माना देने के लिए उत्तरदायी है।

प्रशासन, निगम और सरकार कोई जिम्मेदार नहीं है न ही कोई जुर्माना। उनके लिए कोई नियम लागू नहीं होते हैं। वे किसी भी चूक के लिए कभी ज़िम्मेदार नहीं हैं। उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। अधिवक्ता राज कपूर ने कहा कि सड़कों की दयनीय हालत को ध्यान में रखते हुए समाज के कुछ बुद्धिजीवियों को साथ लेकर इस संबंध में एक जनहित याचिका हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायलय में दाखिल की जाएगी, ताकि जनता को भी न्याय मिल पाए और सरकार और प्रशासन की जबाबदेही तय हो पाए।