कांगड़ा चाय को मिलेगा यूरोपीय संघ का GI टैग!

उज्जवल हिमाचल। शिमला

कांगड़ा चाय की गुणवत्ता में निरंतर सुधार हो रहा है और शीघ्र ही कांगड़ा चाय को यूरोपीय संघ के जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) मिलने की सम्भावना है। कृषि विभाग के एक प्रवक्ता ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सभी सम्बद्ध विभागों के सामूहिक प्रयासों से यह संभव होने जा रहा है। प्रवक्ता ने कहा कि चाय की खेती और विकास का विषय अप्रैल 1999 में उद्योग विभाग से कृषि विभाग को स्थानांतरित किया गया था।

इसके उपरान्त प्रदेश में और विशेष तौर पर कांगड़ा चाय की खेती में सुधार लाने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं। विभाग के अथक प्रयासों के परिणामस्वरूप वर्ष 2005 में कांगड़ा चाय को भारत में जीआई टैग मिला था।

उन्होंने बताया कि वर्तमान में चार विभागों-टी बोर्ड ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यालय पालमपुर, राज्य के सहकारी और कृषि विभाग, सीएसआईआर-आईएचबीटी पालमपुर और चैधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर कांगड़ा चाय की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में चाय उत्पादकों को एक लाख से अधिक पौधे प्रदान किए गए और 5.6 हेक्टेयर नए क्षेत्र में चाय की पौध लगाई गई है।

विभाग चाय उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए सामान्य वर्ग के किसानों को दो रुपये प्रति पौधा तथा अनुसूचित जाति वर्ग के किसानों को एक रुपये प्रति पौधा उनके घर-द्वार पर उपलब्ध करवा रहा है।