सुहागिनों के पर्व ‘करवाचौथ’ पर मिट्टी से बने रंग-बिरंगे करवों की बढ़ी डिमांड

आशीष राणा। धर्मशाला

पूरे वर्ष भर सुहागिन महिलाएं करवा चौथ पर्व का बेसब्री से इंतजार करती हैं। करवाचौथ का दिन आने पर वे अपने पति की दीर्घायु के लिए व्रत रखती हैं। इस बार 24 अक्टूबर को करवा चौथ का पर्व मनाया जा रहा है। इसके पर्व में करवे का बड़ा ही महत्व होता है। इस पर्व को अभी तीन दिन शेष है। इसलिए कुम्हार समुदाय के लोग मिट्टी के करवे बनाने में मशगूल हैं...

वहीं, कुम्हार से लेकर दुकानदारों में इस पर्व को लेकर बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है। पिछले 2 सालों से करोना के चलते त्यौहार नहीं मनाए जा रही थे ,जिसकी वजह से दुकानदारों को नुकसान हो रहा था। लेकिन, आज दुकानदारों में उत्साह देखने को मिल रहा है। चामुंडा के समीप टंग-नरवाना रोड पर एक मिट्टी के बर्तन व करवों की दुकान हैं।

वहां के दुकानदार राजकुमार ने बताया कि वह जिला कांगड़ा में लगभग 22 दुकानों में मिट्टी के बर्तनों की सप्लाई भेजते हैं। जिसके चलते कुछ दिनों से करवों व दीयों की बिक्री ज्यादा हो रही है। औरतों में भी करवा चौथ को लेकर बहुत खुशी देखने को मिल रही है ।

उन्होंने बताया कि इस करोना महामारी के चलते लोगों को मिट्टी के बर्तन ज्यादा से ज्यादा खरीदने चाहिए। क्योंकि मिट्टी के बने बर्तनों से कोई बीमारी नहीं लगती। अगर हम स्टील या प्लास्टिक के बर्तनों की बात करें तो इससे बहुत प्रकार की बीमारियां हमें हो सकती हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि लोग फिर से पुरानी संस्कृति अपना रहे हैं जो उनके लिए फायदेमंद है, मिट्टी के बर्तन में पानी पी रहे हैं। जो उनके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है।