केजरीवाल की पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस का दूसरे राज्य कर रहे अनुसरण

उज्जवल हिमाचल ब्यूरो। कांगड़ा

“आप” शासित दिल्ली सरकार के कोरोना प्रबन्धन मॉडल का दूसरे राज्यों द्वारा अनुसरण करने से अरविंद केजरीवाल की “पॉलिटिक्स ऑफ परफॉर्मेंस” यानि काम की राजनीति को नई पहचान मिल रही है । जिसके फलस्वरूप लोगों का ध्यान आम आदमी पार्टी की ओर आकर्षित हुए जा रहा है। आम आदमी पार्टी हिमाचल प्रदेश के प्रवक्ता कल्याण भण्डारी ने बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए केजरीवाल सरकार के प्रबंधन को देश के दूसरे राज्य भी अपना रहे हैं। दिल्ली सरकार ने जून माह में बिना लक्षण या कम लक्षण के कोरोना मरीजों के लिए होम आइसोलेशन की नीति को लागू कर दिया था जिसका बहुत फायदा प्राप्त हुआ। टेस्टिंग की दैनिक संख्या को बढ़ाया गया और यह संख्या 79000 तक पहुंच गई। कोविड अनुरूप व्यवहार अख्तयार करने पर जोर दिया और मास्क न पहनने वालों को भारी जुर्माना लगाया गया।

दूसरी ओर बिहार चुनावों में भाजपा द्वारा राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन की सरकार बनाने की एवज में मुफ्त में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध करवाने का वायदा फिर से जुमलों की फेहरिस्त में जुड़ गया क्योंकि भारत सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि कोरोना का टीका सबको नहीं लगाया जायेगा। ऐसे में कोरोना वैक्सीन का बिहार में सियासी ट्रायल तो भाजपा के लिए प्रभावकारी साबित हुआ परन्तु बिहार वासियों के लिए असरदार नहीं। अब बिहार के लोग अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। वहीं पर हिमाचल प्रदेश में कोरोना संक्रमण बेकाबू हो चुका है और राज्य सरकार द्वारा इसके लिए आम जनता की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है जबकि हकीकत में सरकार का अपना रवैया गैर-जिम्मेदाराना रहा है। राज्य की राजधानी शिमला के कोविड अस्पतालों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। होम आइसोलेशन के मरीजों की देखवाल भगवान के भरोसे छोड़ दी गई है। मुख्यमंत्री ने 10000 पल्स ओक्सी-मीटर खरीदने का ज़िक्र किया था लेकिन धरातल पर कहीं से भी नजर नहीं आ रहे हैं। कल्याण भण्डारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के दिशा निर्देश पर”आप” की हिमाचल इकाई ने प्रदेश के लगभग तीन लाख लोगों के।ऑक्सीजन स्तर की जांच की है।