कोरोना मरीजों को किस तरह का मिल रहा इलाज बताए सरकार: बाली

पूर्व मंत्री ने सरकार पर साधा निशाना, तैयारियों पर लिया आड़े हाथ

उज्जवल हिमाचल। कांगड़ा

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री जीएस बाली एक बार फिर कोरोना संकट में तैयारियों को लेकर सरकार पर निशाना साधा है। कांगड़ा में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि सरकार बताए कि इस संकट के दौर कोरोना संक्रमित मरीजों को किस तरह का इलाज मिल रहा है। बाली ने कहा कि सरकार ने बिना सोचे-समझे नाइट कफ्र्यू लगा दिया जिसका कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने पूछा कि अगर प्रदेश में आने वाले दिनों में कोरोना के केस बढ़े तो इस पर सरकार की क्या तैयारी होगी। बाली ने कहा कि अगर सरकार को कुछ समझ नहीं आ रहा तो वह विशेषज्ञों की राय ले। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री और विधायक खुद कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं उनसे ज्यादा क्या उदाहरण हो सकता है।

वेंटिलेटर पर कितने मरीज

बाली ने कहा कि कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं लेकिन उस हिसाब से सरकार के पास बेड नहीं हैं। धर्मशाला में 100 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। उनमें कई टांडा रेफर करने के इंतजार में हैं। उन्होंने कहा कि टांडा में भी कोरोना के मरीजों के लिए बेड्स की कमी है। सरकार बताए कि उनके पास कितने वेंटिलेटर है और कितने मरीज वेंटिलेटर पर हैंं और कितने विशेषज्ञ वेंटिलेटर चलाने वाले हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संकट में गरीब आदमी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं करवा सकता। वह निजी अस्पतालों में इलाल करवाने को मजबूर है। उन्होंने पूछा कि कोविड वार्ड में कितने वरिष्ठ डॉक्टर अपनी ड्यूटी दे रहे हैं। यहा सिर्फ लोअर स्टाफ की तैनाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना के मरीजों के इलाज पर सरकार जानकारी दे कि उनका किस तरह से इलाज किया जा रहा है। बाली ने कहा कि कोरोना वार्ड में सीसीटीवी लगाए जाएं ताकि उनके परिजन देख सके कि इलाज कैसे हो रहा है।

तीन साल का विकास कार्य बताए सरकार

पूर्व मंत्री ने कहा कि सरकार अपने तीन साल का एक भी विकास कार्य बताए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल में एक भी बड़ी परियोजना केंद्र से नहीं ला सकी। उन्होंने कहा कि अटल टनल पर भी भाजपा ने राजनीति की है क्योंकि इसका नींव पत्थर कांग्रेस अध्यक्ष ने रखा था। जीएस बाली सरकार पर एचआटीसी का बेड़ा गर्क करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार ने किराया बढ़ा कर लोगों सरकारी सेवा से दूर कर दिया। उन्होंने कहा कि प्राइवेट वाल्वो तो चल रही है लेकिन सरकारी वाल्वो वर्कशॉपों में खड़ी हैं।