लास्ट ईयर के छात्रों की परीक्षाएं छात्र हित में : यशपाल शर्मा

एस के शर्मा। बड़सर

युवा मोर्चा जिला कार्यकरणी सदस्य यशपाल शर्मा ने मीडिया में बयान जारी करते हुए कहा, ’पर्याप्त दूरदर्शिता के बिना शिक्षा के क्षेत्र में तुरंत समाधान के रूप में अपनाए गए किसी भी उपाय का दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। यशपाल शर्मा .एनएसयूआई प द्वारा छात्रों को प्रमोट किए जानी वाली मुहिम को अपनी राजनीति चमकाने से जोड़ते हुए कहा कि जब प्रदेश में रूसा लागू किया जा रहा था, उस समय एनएसयूआई तत्कालीन कांग्रेस सरकार के निर्णय का स्वागत कर रही थी। जब पूरा छात्र समुदाय रूसा का विरोध कर रहा था, तो यही एनएसयूआई इसका समर्थन कर रही थी । उन्होंने कहा पढो और पढ़ने दो का नारा लगाने वाले आज छात्रों को प्रमोट करने की बात कर रहे हैं । यशपाल शर्मा ने कहा जबकि कुछ छात्रों को छोड़ समस्त छात्र परीक्षाएं देना चाहते हैं। उन्होंने शैक्षिक बिरादरी और अभिभावकों से अपील की कि वे विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष के छात्रों के मूल्यांकन के संबंध में अपनाए जा रहे त्वरित-समाधान के व्यापक प्रभाव और परिणामों पर संज्ञान लें’।

डिग्री के मानक होने चाहिए
यशपाल ने कहा, ’पर्याप्त दूरदर्शिता के बिना शिक्षा के क्षेत्र में तुरंत समाधान के रूप में अपनाए गए। किसी भी उपाय का दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव हो सकता है। यशपाल ने कहा, ’डिग्री प्रदान करते समय प्रदान किए गए, शिक्षा के व्यापक लक्ष्य और गुणवत्ता को प्राथमिक कारक माना जाना चाहिए और कोई भी निर्णय छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एनईईटी और जेईई प्रवेश परीक्षाओं की तारीखों ने स्पष्ट कर दिया है कि नए सत्र नवंबर 2020 तक ही शुरू हो सकते हैं। यशपाल ने कहा, “विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी तब तक इंतजार करना चाहिए जब तक कि कोविड-19 महामारी को नियंत्रण में नहीं लाया जाता है और तब स्पष्टता के साथ मूल्यांकन के अच्छी तरीकों के साथ आगे बढ़ा जा सकता ।