चैन सिंह गुलेरिया। ज्वाली
केंद्र सरकार ने 2022 तक हर गरीब परिवार को छत मुहैया कराने का वादा किया था लेकिन ऐसा लगता है कि यह सारी की सारी योजना किसी मलबे में दब चुकी है, जिसे हिमाचल सरकार ने भी नहीं उठाया । जिसका सबूत सिद्धपुर घाड़ के वार्ड नंबर-8 में देखने को मिला है।
जानकारी के अनुसार यह पता चला है कि पूर्ण सिंह जसवाल निवासी सिद्धपुर घाड़ काफी सालो से अपने पुत्र अंकू जसवाल और घरवाली सुषमा देवी से अलग रहता है। पूर्ण सिंह ने अपने लिए अलग से दो कमरे बनाकर रह रहा है और पूर्ण सिंह की पत्नी व बेटा पुराने पैतृक मकान में रह रहे थे और वो पुराना मकान भी अब भारी बारिश के चलते क्षतिग्रस्त हो चुका है।
अब केवल डंडों के सहारे ही अपने सिर को छुपाए हुए जिंदगी बसर कर रहे है। लेकिन अब स्तिथि ऐसी बनी हुई है कि किसी वक्त भी मां और बेटे पर कहर बरस सकता है । इस गरीब परिवार ने पंचायत के प्रतिनिधियों के आगे कई बार अपने इस पुराने मकान बारे अवगत करवा चुके हैं लेकिन किसी के भी कान पर जूं न सरकी ।
बड़े हैरत की बात है कि इस परिवार की आज दिन तक कई प्रधान आए और चले गए किसी ने भी सुध नहीं ली । इतनी भयंकर स्थिति होने के बाबजूद यह परिवार आईआरडीपी की श्रेणी से बाहर है।
जब इस बारे में समाजसेवी एवम राष्ट्रीय बचत राज्य सलाहकार बोर्ड के वाइस चेयरमैन संजय गुलेरिया से बात हुई तो उन्होंने बताया कि शीघ्र एसडीएम ज्वाली महेंद्र प्रताप सिंह और डीसी कांगड़ा डा. निपुण जिंदल के माध्यम से इस परिवार को फिलहाल तिरपाल और तुरंत राहत सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और उन्होंने कहा कि मकान बनाने बारे जिलाधीश कांगड़ा डा. निपुण जिंदल से बात करेंगे।
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