पार्किंग बनाना प्रशासन के लिए बना चुनौती

शैलेश शर्मा। चंबा

पिछले डेढ़ दशक से चम्बा जिले के लोग पार्किंग की समस्या से जूझ रहे थे और यह समस्या अभी भी ज्यों की त्यों बनी हुई है। कुछ समय पहले इस पार्किंग का काम चल पड़ा था जिससे चम्बा के लोगों को थोड़ी सी आस बंधी थी पर जैसे ही कोरोना महामारी ने दस्तक दी वैसे ही यह काम भी बंद हो गया। आप को बता दे कि जिस जगह पार्किंग बनाने का काम शुरु हुआ है वंहा इतने बड़े पत्थर है कि उनको बड़ी से बड़ी मशीनों से भी नही हटाया जा सकता है,और इन पत्थरो को तोड़ने के लिए ब्लास्ट भी नहीं किया जा सकता है क्योंकि यंहा पर बड़े बड़े सरकारी अधिकारियों के निवास स्थान के साथ सैकड़ो लोगों के घर भी है और इस ब्लास्टिंग से घरो के नुकसान होने के साथ किसी की जान भी जा सकती है। अब विभाग के सामने इस जगह को समतल बनाने इन पत्थरो को हाथों से तोड़ने की किवायत शुरू की गई है पर इस पार्किंग वाली की जगह को कब और कितने समय में समतल किया जाता है यह बड़ा सवाल विभाग से सामने खड़ा हो चूका है वही स्थानीय लोग विभाग के इस कार्य से खुश नहीं है।

25, करोड़ की लागत से बनने वाली यह पार्किंग वाली जगह अब विभाग के लिए चुनौती बनती जा रही है। लोगों का कहना है कि चम्बा आने पर गाड़ी को कहा लगाया जाये यह सबसे बड़ी दिक्क्त आती है। पुलिस के रोजाना के चलानो से तंग आ चुके है। लोगों ने सरकार मांग की है कि जल्द से जल्द शहर में पार्किंग बनाई जाए ,और जब तक यह पार्किंग नहीं बन जाती है तब तक पुलिस लोगों के कम से कम चलान करे।

इस पार्किंग स्थल में अपने हाथों से बड़ी बड़ी चट्टानों को तोड़ रहे इन मजदूरों का कहना है कि वह प्राइवेट ठेकेदार की लेबर है। उन्होंने बताया कि पार्किंग का काम चला हुआ है और बड़े बड़े पत्थरों को हाथों से तोड़ा जा रहा है।

रास्ते पर ट्रेफिक भी बहुत ज्यादा है और साथ ही कुछ ही गज की दूरी पर चम्बा के एसपी का रेजिडेंस भी है। उन्होंने बताया कि यंहा पर ब्लास्टिंग भी हो ही नहीं सकती है क्योंकि यहां साथ ही लोगों के बहुत सारे घर भी है। इसलिए यहां हाथों से ही पत्थर तोड़े का काम किया जा रहा है।