मंडीः सरकारी भूमि पर रेहड़ी फड़ी वालों का अतिक्रमण जारी, NH पर लग रहा वाहनों का लंबा-लंबा जाम

उमेश भारद्वाज। मंडी

हिमाचल प्रदेश सरकार और उच्च न्यायालय द्वारा जहां सरकारी भूमि पर अवैध कब्जाधारियों के खिलाफ सख्त रूख अख्तियार किया गया है। वहीं प्रदेश की सबसे बड़ी नगर परिषद सुंदरनगर में हालात इसके बिल्कुल विपरीत है। मंडी जिला के सुंदरनगर में सरकारी भूमि पर अवैध रेहड़ियों की संख्या पर लगाम लगाने में स्थानीय प्रशासन और नगर परिषद प्रबंधन पूरी तरह से नाकाम साबित हो रहा है। वर्तमान में नगर परिषद द्वारा इन रेहड़ी संचालकों से प्रतिदिन मात्र 40 रूपये की एक पर्ची काट कर अपने निहित कार्य से इतिश्री की जा रही है। इन रेहड़ियों द्वारा सड़क मार्गों व बाजारों में अवरोध पैदा कर यातायात को भी प्रभावित किया जा रहा है।

आलम यह है कि शहर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे-21 चंडीगढ़-मनाली और मुख्य बाजारों में रेहड़ियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए प्रशासन और नगर परिषद द्वारा अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। खास बात तो यह है नगर परिषद के पास इन अवैध रेहड़ियों के संचालकों की कोई पहचान नहीं है। ऐसे में जिला प्रशासन व नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर सवाल उठना लाजमी है। शहर में हालात इतने खराब है कि नेशनल हाईवे-21 पर चिन्हित ब्लैक स्पाट्स पर रेहड़ियों और फूड जोन गाड़ियों के कारण लगने वाले वाहनों और लोगों के जमावड़े से कभी भी कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है। लेकिन मौके की संवेदनशीलता को जानते हुए भी स्थानीय प्रशासन, नगर परिषद और पुलिस मूकदर्शक बने हुए हैं। मामले पर एसडीएम सुंदरनगर धर्मेश रमोत्रा ने कहा कि शहर के कई क्षेत्रों में अनाधिकृत तरीके से रेहड़ियां लग रही हैं।

इससे आने-जाने वाले लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है और कोई अप्रिय घटना घटित हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर स्थनीय पुलिस को कार्रवाई करने के लिए कहा गया है और नगर परिषद को भी इनके खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए गए हैं। नगर परिषद सुंदरनगर की कार्यकारी अधिकारी उर्वशी वालिया ने कहा कि नगर परिषद की टाउन वेंडिंग कमेटी का आयोजन अगले सप्ताह किया जा रहा है और वेंडिंग जोन के तहत रेहड़ी धारकों को कार्य करने की अनुमति है। उन्होंने कहा कि वेंडिंग जोन से बाहर रेहड़ियां लगाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।