मंडी: दुराचार और हत्या मामले में दो आरोपियों को उम्रकैद और जुर्माना

उमेश भारद्वाज। मंडी

मंडी जिला के तहत अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुंदरनगर अनुजा सूद के न्यायालय ने दुराचार और तेज धार हथियार से हत्या करने का आरोप सिद्ध होने पर दो दोषीयों को उम्रकैद की सजा के साथ जुर्माने की सजा सुनाई है। जानकारी देते हुए शुक्रवार को उप जिला न्यायवादी मंडी विनय वर्मा ने बताया कि वर्ष 2016 में शिकायतकर्ता घनश्याम सिंह, निवासी कडाहरोपा डाकघर बागचनोगी, तहसील थुनाग जिला मंडी ने पुलिस में बयान दर्ज करवाया था कि 26 अगस्त 2016 को शाम 6 बजे उसकी भतीजी भाटकी धार सामान लेने गयी थी। उसी दिन करीब 8ः30 बजे शाम को पीड़िता ने अपनी बहन को फोन पर शिकायतकर्ता को उसे आरोपियों की मारपीट से बचाने के लिए भेजने के लिए कहा। इस पर सभी गांव के लोग इकट्ठे हुए और पीडिता को ढूढते हुए रात 2ः30 बजे बुन्गाधार पहुंचे। विनय वर्मा ने कहा कि रास्ते में पीड़िता की जेकेट और सामान का थैला मिला और पीड़िता को ढूढते हुए नीचे 500 मीटर लहुलुहान अवस्था में देखा।

उन्होंने कहा कि उसके हाथों और गले में तेज धार हथियार से काटने के निशान थे, जिसकी उस वक्त मृत्यु हो चुकी थी। वही शिकायतकर्ता धनश्याम के बयान के आधार पर गोहर पुलिस थाना दर्ज किया गया। मामले में तफ्तीश के दौरान पीड़िता की हत्या आरोपी निर्मल सिंह पुत्र रोशन लाल, गांव पाटन, डाकघर बागचनोगी तहसील थुनाग और सुभाष चंद पुत्र वेश राम, निवासी कडाहरोपा डाकघर बागचनोगी तहसील थुनाग द्वारा किया जाना पाया गया। दोनों आरोपी रिश्ते में मृतिका के मामा और बुआ के लड़के लगते थे। उन्होंने कहा कि जांच में आरोपियों ने टोके और छुरी से मृतिका की हत्या करने के साक्ष्य पाए गए। इसके अलावा रासायनिक परीक्षण से छानबीन के दौरान हत्या से पहले मृतिका के साथ दुराचार भी होना पाया गया। उक्त मामले की पैरवी तत्कालीन उप जिला न्यायवादी भीष्म चंद और वर्तमान उप जिला न्यायवादी चानन सिंह ने की। मामले में अभियोजन पक्ष ने अदालत में 37 गवाहों के ब्यान दर्ज करवाए। वहीं अभियोजन एवं बचाव पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई गई है।

अदालत ने ये सुनाया फैंसला
मामले में आरोपी निर्मल सिंह को भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कठोर कारवास और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई। इसके अलावा अदालत ने आईपीसी की धारा 201 के तहत सक्ष्य को मिटाने के आरोप में दोषी को दो साल के कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 6 महीने के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई और धारा 376 के तहत दुराचार के आरोप में 10 वर्ष के कठोर कारावास और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाई।

जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई गई। मामले में दूसरे दोषी सुभाष चंद को भारतीय दंड सहिंता की धारा 302 के तहत हत्या के आरोप में आजीवन कठोर कारावास और 50 हजार जुर्माने की सजा सुनाईए जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को दो साल के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई। इसके साथ आईपीसी की धारा 201 के तहत सक्ष्य को मिटाने के आरोप में दो साल के कारावास और 20 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने की सूरत में अदालत ने दोषी को 6 महीने के अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा भी सुनाई। विनय वर्मा ने कहा कि दोषीयों को सुनाई गई उक्त सजा विभिन धाराओं में साथ-साथ चलेगीं।