यहां जंग खाई पाईपलाईनों में हो रहा पानी का रिसाव, उपभोक्ताओं ने विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल

जतिन लटावा। जोगिंद्रनगर

पानी की बूंद-बूंद कीमती है यह नारे और सलोग्न दिवारों में उकेरने वाला जोगिंद्रनगर जलशक्ति विभाग ही पानी का मोल नहीं जानता है और रोजाना हजारों लीटर पानी की बर्बादी कर उपभोक्ताओं के निशाने में आ चुका है। नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड 6 बराडू नाले के नजदीक मेन पाईप लाईन लंबे अरसे से फटी हुई है। अधिकारियों और कर्मचारियों को इस बारे में अवगत करवाने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है और अब वहां के उपभोक्ताओं ने जलशक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए उच्चाधिकारियों से मामले पर कड़ा संज्ञान लेने की मांग की है। शानन स्थित जलशक्ति के जल भंडारण टैंकों से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र छत्तर मसौली तक इस पाईप लाईन से पानी की आपूर्ति होती है जो लंबे अरसे से फट चुकी है।

इस कारण यहां से होकर गुजरने वाले लोगों को भी दिक्कतें झेलनी पड़ रही है। पानी की बर्बादी लगातार हो रही है और कई मर्तबा पानी का अधिक रिसाव हो जाने से पेयजल उपभोक्ताओं को भी पानी की किल्लत से परेशान होना पड़ रहा है। पेयजल उपभोक्ता मनदीप, मदन, बीरी सिंह, अनु, भुपेंद्र, राकेश, राजेंद्र का आरोप है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की किल्लत बनी हुई है लेकिन यहां शहरी क्षेत्र में विभाग की पाईप लाईन फट जाने से पानी व्यर्थ बह रहा है। ऐसे में लोगों का सवाल है कि पानी की बूंद-बूंद बचाने की नसीहत देने वाला जलशक्ति विभाग आखिर क्यों इस समस्या के समाधान पर गंभीर नहीं दिख रहा है।

इधर शहर की बात करें तो हजारों पेयजल उपभोक्ताओं को दशकों पुरानी जंग खाई पाईप लाईन से पेयजल आपूर्ति हो रही है। पठानकोट चौक, मेन बाजार में इस पाईप लाईन के फट जाने से पानी की बर्बादी कई मर्तबा हो चुकी है। जबकि वहीं, हाईवे की टारिंग को भी पानी के रिसाव से नुकसान पहुंच चुका है। बावजूद उसके भी व्यवस्था में सुधार लाने को लेकर विभागीय अधिकारी गंभीर ही नहीं दिख रहे हैं।

नगर परिषद क्षेत्र में पानी के रिसाव का मामला मिडिया के माध्यम से मेरे ध्यान में लाया गया है। इसके सुधार को लेकर त्वरित कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। शहरी क्षेत्र में नई पाईप लाईन बिछाने की योजना तैयार कर ली गई है। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में भी पुरानी पाईप लाईन को अपग्रेड कर पानी की आपूर्ति का सिलसिला जारी है। पेयजल उपभोक्ताओं को पानी की किल्लत न हो इसके लिए जलशक्ति विभाग पूरी गंभीरता से कार्य कर रहा है।